________________
पाटणमा भी हेमचन्द्राचार्ग जेन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (PANEMS) २००३५ यथोगो अकारादिफम
[५२८ ]
क्रमाक
पुस्त रुनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
क्रमाक
पुस्तक नाम
पर भाषा कर्ता
१३५३८ स्मरणसङ्ग्रह-प्रकरणसड़ग्रह २४ प्रास ८२६८ (१) स्मरणस्तव वृत्तिसहित १० प्रा स १ मू जिनदत्तसूरि ७०७६ (४) स्मरणास्तव सटीक २८-३० पास मू जिनदत्तसूरि,
व जयसागरगणि ८३५५ (७) स्मरणास्तोत्र ८३५५(५) स्मरणास्तोत्र
११ पा जिनदत्तसूरि १६९२४ (६) स्मरणा स्तोत्र २४१-२४३ पा जिनदत्तसूरि १२१७० (४) स्मरणास्तोत्र वृत्तिसहित १९-२२ पास मू जिनदत्तसूरि
वृ वाचनाचार्य
जयसागरगणि १४६६४ स्मरणो
५-३२ प्रास ९७०४ (२) स्मरणो-खरतरगच्छीय १७ प्रास १०११५ (२) स्यादिपकम
११-१६ स अमरचन्द्रसूरि ८४८ स्यादिशब्दसमुच्चय
७१ स अमरचन्द्रसूरि २२६१ स्यादिशब्दसमुच्चय ५० स वायडगच्छीय
अमरचन्द्रसूरि २२६२ स्यादिशब्दसमुच्चय
३७ स वायडगच्छीय
अमरचन्द्रसूरि २३४७ स्यादिशब्दसमुच्चय
५६ स अमरचन्द्रसूरि ९६६१ स्यादिशब्दसमुच्चय
४७ स अमरचन्द्रसूरि ६८६९ (२) स्यादिसमुच्चय ३८-६७ स २ वायडगच्छीय
अमरचन्द्रसूरि १०१०७ स्यादिसमुञ्चय
३७ स अमरचन्द्रसूरि १०३८१ स्यादिसमुच्चय
१९ स अमरचन्द्रसूरि ८५४६ स्यादिसमुच्चय-हैम १९ स अमरचन्द्रसूरि ८५४७ स्यादिसमुञ्चयदीपिका-हैम १६ स अमरचन्द्रसरि १७७०९ स्याद्यन्तप्रकिया
१२९ स सर्वधर २३३२ (२) स्याद्वादकलिका ९३-९४ स राजशेखर
७१५३ स्मादादगणकथनपीरस्तवन २ गु शाासागर २६०९ स्याद्वादभाषा
१३ रा शुभविजगणि ११७१० स्यादादभाषा
१४ स शुभचिजगगणि १६८८३ स्याद्वादमजरी
१०४ सं मल्लिषेणसूरि १५५२४ स्याद्वादमजरी
५८ स मल्लिषेणारि १०७०७ स्याद्वादमजरी-अन्ययोगव्य
वच्छेददात्रिशिका सटीक ४१ स टी मल्लिपणाचार्य १०७०८ स्याद्दादमजरी-अन्ययोगव्य
वच्छेदद्वात्रिशिका सटीक ४६ स टी मल्लिपणाचार्ग ७२६२ स्याद्वादमजरी-अन्ययोगव्य
मू हेमचन्द्राचार्य, वच्छेदद्वात्रिशिका सटीक
स्या म टिप्पणीसहित
५७ स मल्लिषेणाचार्य ११७२३ स्याद्वादमजरी-अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिशिका सटीक
मू हेमचन्द्राचार्य, टिप्पणीसहित
२ स टी मल्लिषेणसूरि ७२६३ स्माद्वादमजरी अन्ययोगव्य
मू हेमचन्द्राचार्य, वच्छेदद्वात्रिशिका सटीक
स्या म टिप्पणीसहित
४ स मल्लिपेणाचार्य १८७२३ स्याद्वादमतस्वाध्याय
२ गु श्रीसार ५६७० (२७)स्याद्वादमतिस्वाध्याय २५-२६ गु सिद्धान्तरत्न २४५६ स्याद्वादरत्नाकर-पमाणनयतत्त्वा
लोकालङ्कारटीका-द्वितीयखण्ड अपूर्ण त्रुटक
२८३ स वादिदेवसूरि स्वोपज्ञ ५५९२ (२) स्याद्वादविचारगर्भित महावीर जिनस्तवन
१७ गु विनयविजय ८७९३ (१) स्याद्वादविरोधपरिहारवादस्थल
४ स ११३८६ स्याद्वादामृतशतक
५ स रवजी देवराज