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क्रमाक
१२७५६
१५०४४
९१५३
३१२२ (११) सीमन्धरस्वामिगीत
६१९४ (६) सीमन्धरस्वामिचैत्यवन्दन
९१९४
५५२७
५५२८
५७७९
१४१७६
सीमन्धरस्वामि फरियादीपत्र ३१२२ (२०) सीमन्धरस्वामिभास ३८२७
सीमन्धरस्वामिरूपवर्णनस्तवन
५७८०
पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss ) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा
कर्ता
पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
१५६४५
सीमन्धरस्वामि ३५० गाथानु
स्तवन
सीमन्धरस्वामि आदि वीस विहरमानजिनस्तोत्र
९१८९
६४५६
९१९०
५ गु ४थु गु
८ गु
सीमन्धरस्वामिनिन्दास्तुतिगर्भितस्तवन
सीमन्धरस्वामि प्रति आत्मनिन्दास्वरूप दोधको
सस्तबक
२८ गु
सीमन्धरस्वामिविज्ञप्तिरूप ३५० गाथानु स्तवन सीमन्धरस्वामिविज्ञप्तिरूप ३५० गाथानु स्तवन
सीमन्धरस्वामिविज्ञप्तिरूप ३५० गाथानु स्तवन
सीमन्धरस्वामिविज्ञप्तिरूप ३५० गाथानु स्तवन
सीमन्धरस्वामिविज्ञप्तिरूप ३५०
२ गु
४ गु
७ गु २ हिन्दी
८मुगु खीमो
२० गु
५० गु
११ गु
यशोविजयोपाध्याय
लब्धिसागरसूरि भक्तिलाभ
गाथानु स्तवन ३१ गु सीमन्धरस्वामिविज्ञप्तिलेख ३ गु सीमन्धरस्वामिविज्ञप्तिस्तवन ७ गु सीमन्धरस्वामिविज्ञप्तिस्तवन ४ गु
सकलचन्द्र
खरतर आनन्दवर्धन
यशोविजयोपाध्याय
मू
यशोविजयोपाध्याय बा पद्मविजय
यशोविजयोपाध्याय
२४ गु यशोविजयोपाध्याय
उपा यशोविजयजी
नवन्त पण्डित
कमलविजय
कमल विजय
क्रमाक
३८७२
सीमन्धरस्वामिविनति
६४५४
सीमन्धरस्वामिवीनति
६४५५ (१) सीमन्धरस्वामिवीनति
६४५७
५५५४
१३३३२
११९१३
५६९३
सीमन्धरस्वामिवीनति सीमन्धरस्वामिवीनतिरूप १२५
गाथानु स्तवन २०१७ (२०) सीमन्धरस्वामिस्तवन ३७७७ (२) सीमन्धरस्वामिस्तवन ४६४० (२) सीमन्धरस्वामिस्तवन
६१४३
सीमन्धरस्वामिस्तवन
९१९१
सीमन्धरस्वामिस्तवन
१०७८७
सीमन्धरस्वामिस्तवन
गाथानु स्तवन सीमन्धरस्वामिवीनतिरूप ३५०
८०९०
२४३६
१९४५७
सीमन्धरस्वामिस्तवन सीमन्धरस्वामिस्तवन १२५
गाथानु
३७७७ (३) सीमन्धरस्वामिस्तुति
११६७१
१६१३७
३४०३
सीमन्धरस्वामिस्तुति सस्तलक सीमन्धरस्वामीस्तवन
सीयाणीगाममण्डन
शान्तिनाथस्तवन सुकुमालिकाकथा सुकृतसङ्कीर्तनमहाकाव्य सुकृतसागरमहाकाव्यान्तर्गत
प्रबन्ध
३१२२ (१६) सुकोशलऋषिभास
२ अप त्रिभुवनकीर्ति
३ गु
ज्ञानविमलसूरि
३ गु
३ गु
८ गु
१८ गु
४५-४५ अप
१४ गु
८ प्रा
२ गु
२ गु
२ गु
१ गु
८ गु
१४ गु
१ प्रागु
१ अप
[ ५१८ ]
९ स
६-७ गु
अमरचन्द्र सन्तोषविजय
यशोविजयोपाध्याय
उ यशोविजयजी
२ शान्तिसूरि
सकलचन्द्र
पार्श्वचन्द्रीय
विजयदेवसूरि
यशोविजयोपाध्याय
२ गु
४ गु
२-१२ स अरिसिह
अमरविजय