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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
क्रमाक
२३७९ सिद्धहेम लघुवृत्ति द्वि. अध्याय द्वि.
पाद पर्यन्त अवचूरि सहित ३६ स मू हेमचन्द्राचार्य २३८० सिद्धहेम लघुवृत्ति द्वि. अध्याय प्र। पाद पर्यन्त सूत्रार्थ
९ गु १९३५४ सिद्धहेमव्याकरण तद्धित प्रयोग
६ स ९६८८ सिद्धहेमशब्दानुशासन अवचूरि
'षष्ठपादपर्यन्त अपूर्ण त्रुटक ८ स २१७७ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय
बृहद्वृत्तिगत दोधकवृत्ति ३ स १५१६८ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय
ब्रहवृत्ति अने टिप्पणीसह १ स हेमचन्द्राचार्य ५१२४ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय
बृहद्वृत्ति ढुण्ढिका ५२-३१७ स उदयसौभाग्यगणि ९४९८ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय बृहद्वृत्तिसह
२-४९ मिश्र हेमचन्द्राचार्य १८४९८ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमोध्याय
२८ स हेमचद्राचार्य १९१६२ सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमोध्याय मू हेमचन्द्राचार्य,
प्राकृतव्याकरण वृत्ति सह २०२ प्रास व स्वोपज्ञ २२४९ सिद्धहेमशब्दानुशासन
उणादिगणविवरण ६० स हेमचन्द्राचार्य २२५० सिद्धहेमशब्दानुशासन उणादिगणविवरण
४९ स हेमचन्द्राचार्य २२५१ सिद्धहेमशब्दानुशासन उणादिगणविवरण
३५ स हेमचन्द्राचार्य २२३० सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय त
पादथी चतुर्थाध्याय पर्यन्त अवचूरि आख्यातवृत्ति अवचूरि २० स
२२३१ सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय तृ
पादथी चतुर्थाध्याय पर्यन्त अवचूरि
आख्यातवृत्ति अवचूरि ३४ स २२३२ सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय तृ
पादथी चतुर्थाध्याय पर्यन्त अवचूरि ।
आख्यातवृत्ति अवचूरि २७ स २२३३ सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय तृ
पादथी चतुर्थाध्याय पर्यन्त अवचूरि
आख्यातवृत्ति अवचूरि ३९ स २२३४ सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय तृ
पादथी चतुर्थाध्याय पर्यन्त अवचूरि
आख्यातवृत्ति अवचूरि २-२६ स १०६७१ सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय
तृतीय पादथी चतुर्थाध्यायपर्यन्त अवचूरि
आख्यातवृत्ति अवचूरि ३२ स १५१२९ सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय
तृतीयपादथी चतुर्थाध्यायपर्यन्त अवचूरि
आख्यातवृत्ति अवचूरि ४५ स १५७५१ सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय
तृतीयपादथी चतुर्थाध्यायपर्यन्त अवचूरि___आख्यातवृत्त्यवचूरि ८८ स २२३७ सिद्धहेमशब्दानुशासन तृतीयाध्याय
तृतीयपादथी चतुर्थाध्याय पर्यन्त सूत्रार्थ
२८ सगु २२२७ सिद्धहेमशब्दानुशासन द्वितीयाध्याय त
पादथी तृतीयाध्याय द्वि. पाद पर्यन्त अवचूरि
३२ स २२२८ सिद्धहेमशब्दानुशासन द्वितीयाध्याय तृ
पादथी तृतीयाध्याय द्विपाद पर्यन्त । अवचूरि
२० स