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पाटणमां श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss.)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तक-नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमांक पुस्तकनुं नाम
पत्र भाषा
क्रमाक
कर्ता
३२५९ समयसारनाटक अपूर्ण ७८ हिन्दी बनारसीदास ५४३२ समयसार नाटक अपूर्ण ६ हिन्दी बनारसीदास १४८५० समयसारनाटक टिप्पण सह २० सं दिगम्बर
अमृतचन्द्रसूरि १३१२४ समयसारनाटक टिप्पणीसह १४१ व्रज मू. बनारसीदास १८३७८ समयसारनाटक भाषाकवित्तनिबद्ध
४७ हिदी बनारसीदास १४२८८ समयसारनाटक सटिप्पनक १२७ संगु मू अमृतचन्द्रसूरि १२२४ समयसारप्रकरण
१६ प्रा देवानन्दसूरि १२२५ समयसारप्रकरण
१० प्रा देवानन्दसूरि १२२६ समयसारप्रकरण
प्रा देवानन्दसूरि ३६०४ समयसारप्रकरण
१० प्रा देवानन्दसूरि ३६०५ समयसारप्रकरण
११ प्रा देवानन्दसूरि ७७०७ समयसारप्रकरण
१४ प्रा देवानन्दसूरि ওgo समयसारप्रकरण
९ प्रा देवानन्दसूरि १५८७७ समयसारप्रकरण
२४ प्रा देवानन्दसूरि १६१९२ समयसार प्रकरण
७ प्रा देवानन्दसूरि १७०३७ समयसारप्रकरण
प्रा देवानदसूरि १७१०० समयसार प्रकरण
४ प्रा देवानदसूरि १७३४४ समयसार प्रकरण
७ प्रा देवानद ७६५५ (२) समयसारप्रकरण टिप्पणीसहित
पञ्चपाठ १८७५९ समयसार प्रकरण बालावबोध सह
२४९ सगु मू अमृतचद्रसूरि १२२७ समयसारप्रकरण सस्तबक १८ प्रा गु मू देवानन्दसूरि १०१४४ समयसारप्रकरण सस्तबक २१ प्रागु देवानन्दसूरि ११०३६ समयसारप्रकरणसूत्र २-१३ प्रा देवानन्दसूरि १५०३ समयसारप्रकरण स्वोपज्ञ टीकासहित
३९ प्रास देवानन्दसूरि स्वोपज्ञ
३३५८ समयसारप्रकरण स्वोपज्ञटीकासहित
३९ प्रास देवानन्दसूरि ६७१९ समयसारप्रकरण स्वोपज्ञटीकासहित
३५५ स देवानन्दसूरि ३६८१ समयसारप्रकरण स्वोपज्ञटीकासहित अपूर्ण
५ प्रासं १७७७१ समयसार सटीक त्रिपाठ ३८ सं मू रामचन्द्रटी भरत
(ग्रथकारभ्राता) १९१०९ समरसार सटीक
० स मू. रामचन्द्रटी भरत १२८७५ समरागणसूत्रधार अपूर्ण १४५ स भोजदेव । १७२१ समराइञ्चकहा गद्य २२७ प्रा याकिसीसूनु
हरिभद्राचार्य १९११ समरादित्यचरित्र गद्य
याकिनीसूनु पद्यबन्ध
२२४ प्रा हरिभद्रसूरि १९२२ समरादित्यचरित्र सक्षेप ११० स. प्रद्युम्नाचार्य ७३४४ समरादित्यचरित्रसक्षेप १२४ स प्रद्युम्नसूरि १७२२ समरादित्यचरित्र सझेप श्लोकबद्ध
११७ स प्रद्युम्नसूरि १८६९ समरादित्यरास
३४५ गु पद्यविजयगणि ११५७४ समरादित्यरास
३९२ गु पद्मविजय १५६५१ समरादित्यरास
२४१ गु पद्यविजयगणि १९९४५ समवसरण द्वात्रिशिका १२७१७ समवसरणपूजा
७ गु गुलाबविजय १७२६५ समवसरणप्रकरण सावचूरि पचपाठ
२ स मू धर्मघोषसूरि १०२२ (२५)समवसरणविचार ६१-६२ गु रत्नसिहसूरि ७१५६ समवसरणविचारगर्भित नेमिनाथस्तवन
२ गु