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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
क्रमाक
१३३२३ शत्रुञ्जयमाहात्म्य बालावबोधसह
४७४ गु १७८३ शत्रुञ्जयमाहात्म्य श्लोकबद्ध १९२ स धनेश्वरसूरि १९३९ शत्रुञ्जयमाहात्म्य श्लोकबद्ध ३०५ स धनेश्वरसूरि २११० -शत्रुञ्जयमाहात्म्य श्लोकबद्ध २४६ स धनेश्वरसूरि ४७८४ शत्रुञ्जयमाहात्म्य सस्तबक १९७ सगु मू धनेश्वरसूरि १४३६८ शत्रुञ्जयमाहात्म्य सस्तबक ५४५ सगु मू धनेश्वरसूरि,
स्त देवकुशल ११२११ शत्रुञ्जयमाहात्म्य सस्तबक
चतुर्थसर्गथी चतुर्दशसर्गपर्यन्त द्वितीयखण्ड
५६६ सगु मू धनेश्वरसूरि ११२१० शत्रुञ्जयमाहात्म्य सस्तबक
तृतीयसर्गपर्यन्त प्रथमरखण्ड १३९ स गु मू धनेश्वरसूरि २०३६ (१) शत्रुञ्जययात्राफलप्रबन्ध १-२ स २०९७ (१) शत्रुञ्जययात्राफलप्रबन्ध २ स ५४८४ शत्रुञ्जयरास
खरतर समयसुन्दरो-
पाध्याय ८९७३ शत्रुञ्जयरास
६ गु समयसुन्दरोपाध्याय ११७९७ शत्रुजयरास
५ गु समयसुन्दर ११७९८ शत्रुञ्जयरास
७ गु समयसुन्दर ११७९९ शत्रुञ्जयरास
४ गु समयसुन्दर १३७४४ शत्रुजयरास
२० गु समयसुन्दर १४७०७ शत्रुञ्जयरास
१३ गु समयसुन्दर ९८१८ शत्रुञ्जयलघुकल्प सस्तबक ४ प्रागु ३१३२ (४) शत्रुञ्जयवीनति
२जु गुजराती जयशेखरसूरि ६४४९ शत्रुञ्जयवीनति २८८२ शत्रुञ्जयसारोद्धाररास
८ गु नयसुन्दर ५३९३ शत्रुञ्जयसारोद्धाररास
७ गु नयसुन्दर
३१०० शत्रुञ्जयस्तवन
३ गु सोमसुन्दरसूरिशिष्य ३१०४ शत्रुञ्जयस्तवन
५अपभ्रश
प्रधान,
गुजराती कवि कुशलहर्ष ५६७० (३९)शत्रुञ्जयस्तवन ३६-३८ गु श्रीसार ५७४२ शत्रुञ्जयस्तवन
३ गु प्रेमविजय ५७८८ शत्रुञ्जयस्तवन
२ अप
प्रधान गु लावण्यसमय ६२३३ (१९)शत्रुञ्जयस्तवन
४०मु गु सघविजय १२४११ शत्रुञ्जयस्तवन
१ गु पार्श्वचन्द्र १३८७६ (१) शत्रुञ्जयस्तवन
२ गु १ विनयप्रमोद १४५४७ (१) शत्रुञ्जयस्तवन
४ प्रागु १ विजयतिलकसूरि १४८३७ (३) शत्रुञ्जयस्तवन
१० गु ३ सहजसुन्दर १४८३७ (१) शत्रुञ्जयस्तवन
१० गु १ कुशलहर्ष ९४५२ (२) शत्रुञ्जयस्तवन अपूर्ण ३ गु २ प्रेमविजय ९१९८ शत्रुञ्जयस्तवन सम्पूर्ण ५-९ गु साधुहस ६४६७ (२) शत्रुञ्जयस्तुति १२३६१ (२) शत्रुञ्जयस्तुति
१ स ३१८६(४) शत्रुञ्जयस्तोत्र
३-५ गु पार्श्वचन्द्र ५८३५ (१) शत्रुञ्जयस्तोत्र
३ गु १ भावविजय १२११४ शत्रुजयस्तोत्र
६ गु भावविजय ५८०९ शत्रुञ्जयस्थानसख्यास्तवन गु प्रेमविजय ८९७५ शत्रुञ्जयोद्धाररास
७ गु नयसुन्दर ९९८१ शत्रुञ्जयोद्धाररास
८ गु नयसुन्दर ९२०० शत्रुञ्जयोद्धारस्तवन
३ गु लक्ष्मणशिष्य १४०३७ (२) शनिगुरुस्तोत्र ८८७४ शनिचारविचार आदि २ स १३६०० (१) शनिश्चरकथा
५ व्रज
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