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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss ) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता | क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
३३०
१४९११ व्यवहारसूत्र ११ प्रा भद्रबाहुस्वामि ६८८१ व्यवहारसूत्र नियुक्ति
मूनि भद्रबाहुस्वामि १६५७१ व्यवहारसूत्र २७ प्रा भद्रबाहुस्वामि
भाष्य वृत्तिसहित
६०८ प्रास वृ आचार्य ३५१ व्यवहारसूत्र ३४५ थी
मलयगिरि चतुर्थोद्देशथी सपूर्ण द्वि. खण्ड ७१० वृ मलयगिरि
९१९ व्यवहारसूत्र नियुक्तिभाष्य
मू भद्रबाहुस्वामी, ३३१ व्यवहारसूत्र चूर्णि २७१ प्रा मू भद्रबाहु
वृत्तिसहित अपूर्ण १५५ प्रास वृ मलयगिरिसूरि ३४७४ व्यवहारसूत्र चूर्णि २०८ प्रा
५३६३ व्यवहारसूत्र बीजक २ स ६५३७ व्यवहारसूत्रचूर्णि १५८ प्रा
व्यवहारसूत्र भाष्य
१३६ प्रा मू भद्रबाहु ६५५४ व्यवहारसूत्रचूर्णि १८२ प्रा
६७५५ व्यवहारसूत्रभाष्य
५५ प्रा १००४८ व्यवहारसूत्र चूर्णि १५६ प्रा
६८८८ व्यवहारसूत्रभाष्य
९७ प्रा १७७३४ व्यवहारसूत्रचूलिका ६ प्रा
१००४७ व्यवहारसूत्र भाष्य
८० प्रा १७८४५ व्यवहारसूत्र चूलिका सस्तबक ६ प्रागु
१८६४६ व्यवहारसूत्र सस्तबक ५० प्रागु ३३३ व्यवहारसूत्रनियुक्ति-भाष्य
१६८६० व्यवहारसूत्र सावचूरि त्रिपाठ २१ प्रा स मूभद्रबाहुस्वामि टीकासहित द्वितीय खण्ड ४६६ प्रा स टी मलयगिरि
अव सौभाग्य३३२ व्यवहारसूत्र नियुक्ति-भाष्य
सागरसूरि टीकासहित प्रथम खण्ड ४४७ प्रा टी मलयगिरि १६८५९ व्यवहारसूत्र सावचूरि पञ्चपाठ ३३ प्रास मूभद्रबाहुस्वामि ६८६ व्यवहारसूत्र नियुक्ति-भाष्य- मूनि भद्रबाहुस्वामी,
अव सौभाग्यटीका सहित प्रथम खण्ड ४१४ प्रा स टी मलयगिरि
सागरसूरि १००५० व्यवहारसूत्र नियुक्ति-भाष्य
मू नि भद्रबाहुस्वामि, १८५७ (३) व्यवहारिकथा-सुपात्रदाने वृत्तिसह द्वि.ख २२९-४६७ प्रास व मलयगिरि १८११३ व्याकरण
२६ स रामकलश भट्ट १००४९ व्यवहारसूत्र नियुक्ति-भाष्य
मूनि भद्रबाहुस्वामि, १८५५४ व्याकरण बालावबोध वृत्तिसह प्रख २२८ प्रा स वृ मलयगिरि
(सज्ञा सधि)
५ सगु ३५० व्यवहारसूत्र नियुक्ति-भाष्य
१९१४४ व्याकरण सबधि टिप्पणीयुक्त २ स वृत्ति सहित तृतीयोद्देशपर्यन्त मूनि भद्रबाहु, १८९५६ व्याकरणसबधि पत्र
४ स प्रथम खण्ड ३४४ प्रा स वृ मलयगिरि
८५८३ व्याकरणसम्बद्ध ६८७ । व्यवहारसूत्र नियुक्ति-भाष्य
शिक्षाश्लोकसड्ग्रह टीका सहित द्वितीय खण्ड ३०९ प्रास टी मलयगिरि १८७२८ व्याकृतिखडन
२ स वाचस्पति भट्टाचार्य ६७५३ व्यवहारसूत्र नियुक्ति भाष्यमू भद्रबाहुस्वामि १३२६० व्याख्याननी माडणी
२ स टीकासहित ३८० प्रा स टी आचार्य मलयगिरि १३७७५ व्याख्याननी माडणी
२ प्रास