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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा
कर्ता
क्रमाक
१५३०४ (१) वीतरागस्तोत्र अष्टमप्रकाश वृत्तिसह
७ स १ हेमचन्द्राचार्य ४९७७ वीतरागस्तोत्र अष्टमप्रकाश
मू हेमचन्द्राचार्य वृत्तिसहित किञ्चिदपूर्ण ८ स व प्रभानन्दसूरि ४९७८ वीतरागस्तोत्र अष्टमप्रकाश
मू हेमचन्द्राचार्य वृत्तिसहित किञ्चिदपूर्ण ५ स वृ प्रभानन्दसूरि २३२२ (१) वीतरागस्तोत्रगत एकान्तनिरास
स्तवअष्टमप्रकाश विवरणसह
३-८ स प्रभानन्दसूरि २३२३ वीतरागस्तोत्रगत एकान्तनिरास
स्तवविवरणसहित अष्टमप्रकाश
७ स प्रमानन्दसूरि ३४३० (१) वीतरागस्तोत्रगत पाच प्रकाश १-५ स आचार्य हेमचन्द्र १९६८४ वीतरागस्तोत्र टिप्पणीसहित ७ स हेमचन्द्राचार्य ७०९६ वीतरागस्तोत्र टीका
२७ गु प्रभानन्दसूरि २३२० वीतरागस्तोत्र दुर्गपदप्रकाशटीका
४ स प्रभानन्दसूरि २३२१ वीतरागस्तोत्र दुर्गपदप्रकाशटीका
५३ स प्रभानन्दसूरि वीतरागस्तोत्र दुर्गपदप्रकाशवृत्ति बीजक सह
४५ स प्रभानन्दसूरि ४९७९ वीतरागस्तोत्र पञ्जिकासहित
मू हेमचन्द्राचार्य त्रिपाठ
७ स प विशालराजशिष्य १७०८६ वीतरागस्तोत्र बाला० सह ७ अपगु ७३९२ (१) वीतरागस्तोत्रव्याख्या अवचूरि ८ स १ माणिक्यसुन्दर तथा
दयावर्धन १३९८६ वीतरागस्तोत्र सस्तबक २६ स मू हेमचन्द्राचार्य,
स्त पद्यसागरगणि
शिष्य A-26
१८३३६ वीतरागस्तोत्र सस्तबक
२३ सगु मू हेमचन्द्राचार्य १६७७३ वीतरागस्तोत्र सावचूरि ७ स मू हेमचन्द्रसूरि अ०
विशालराजशिष्य १६७७४ वीतरागस्तोत्र सावचूरि ९ स मू हेमचन्द्रसूरि
२३२४ वीतरागस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ ७ स १३१६३ वीतरागस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ ८ स हेमचन्द्राचार्य १५०५५ वीतरागस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ ३ स मू हेमचन्द्रसूरि १६७७२ वीतरागस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ ६ स मू हेमचन्द्राचार्य
अव प्रभानन्दसूरि ८१८७ वीतरागस्तोत्रावचूर्णि
११ स ११९३५ (३) वीरगौतमस्वाध्याय
१ गु ३ पण्डित गुणहर्ष ९५६६ वीरचरित्र पद्य
८ स ९८६० वीरचरित्ररास
५ गु ४८९६ (१) वीरचरित्र सटीक
९ प्रास १ मू जिनवल्लभ
गणि
वृ साधुसोमगणि १४५२२ (६) वीरचरित्रस्तुति-दीपालिकाकथा ६ मू जिनवल्लभवृत्तिसह
२८-४९ प्रा स गणि,
वृ साधुसोमगणि १२०२२ वीरजन्माधिकार
३ गु ३१५२ वीरजन्माभिषेककलश
अपभ्रश प्रधान
गुजराती मङ्गलसूरि १२१२४ (१) वीरजन्मोत्सव
१-२ गु ११७४५ वीरजिन १२५ गाथानु स्तवन १० गु यशोविजयोपाध्याय १२५८७ वीरजिन १२५ गाथानु स्तवन
शास्त्रीय पाठरूप अवचूरिसहित
२२ गु यशोविजयोपाध्याय