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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
क्रमाक
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७६७६ वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण ४ प्रा मुनिचन्द्रसूरि ७६८३ (२) वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण ६ प्रा २ मुनिचन्द्रसूरि १२६८२ वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण ३ प्रा मुनिचन्द्रसूरि १५८३० वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण ३ प्रा मुनिचन्द्रसूरि १७१२३ वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण साव० पच०
२ स मू मुनिचन्द्रसूरि ४४१० वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ
३ प्रास मू मुनिचन्द्रसूरि ४४११ वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण सावरि पञ्चपाठ
२ प्रास मू मुनिचन्द्रसूरि ७६७२ (२) वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ
५-६ प्रास २ मू मुनिचन्द्रसूरि १६१९९ वनस्पतिसप्ततिका प्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ
३ प्रास मुनिचन्द्रसूरि १५८०९ (३) वनस्पतिसप्ततिकावचूरि १७१६१ वनस्पतिसप्ततिका साव०प० २ प्रास मू मुनिचन्द्रसूरि १५८१६ वनस्पतिसप्ततिका सावचूरि २ स मू मुनिचन्द्रसूरि १५८०६ वनस्पतिसप्ततिका सावचूरि त्रिपाठ
२ स मू मुनिचन्द्रसूरि २०२७ वनस्पतिसप्ततिका सावचूरि पञ्चपाठ
२ प्रास मू मुनिचन्द्रसूरि ६९४४ (२) वन्दनकपदपर्यायमञ्जरी ३-६ स बधाना
अकलङ्कदेवसूरि ४७६ (१) वन्दनकसूत्रचूर्णि १ थी १६ प्रा यशोदेवसूरि ९१७ (३) वन्दनकसूत्रचूर्णि २३-४० प्रा यशोदेवसुरि ४६९ (२) वन्दनकसूत्रलघुवृत्ति ५थी८ स तिलकाचार्य ४७० (२) वन्दनकसूत्रलघुवृत्ति ४ थी६ स तिलकाचार्य ७६६ (२) वन्दनकसूत्र लघुवृत्ति ५-९ स तिलकाचार्य
७६५ (२) वन्दनकसूत्रलधुवृत्तिटिप्पणीसहित
५-८ स तिलकाचार्य १३८८ (३) वन्दनकस्थानविवरण १६-१९ प्रा जिनप्रभसूरि
२१०६ (५) वन्दनविषये दृष्टान्तो गद्य ४६-४७ स १३२०३ वन्दारुवृत्ति-षडावश्यकसूत्रवृत्ति
४ स देवेन्द्रसूरि १०८५२ वन्दारूवृत्ति बालावबोध
सहित अपूर्ण
१२० प्रा सगु १२७७६ वन्दित्तासूत्र १४१२० वन्दित्तासूत्र ५६८१ वन्दित्तुसूत्र बालावबोधसहित ११ प्रागु ५१४४ वन्ध्याकल्प
२ गु ११८०८ वयरकुमरनी ढाळो
५ गु जिनहर्ष ६१७४ (२) वयरस्वामिगीता ५८९९ वयरस्वामिभास
५ गु जिनहर्ष ३१७६ वयरस्वामिसज्झाय
जिनहर्ष ५९१८ (२) वयरस्वामिस्वाध्याय
४ गु लब्धिविजय ५९५६ वयरस्वामिस्वाध्याय
६ गु जिनहर्ष ६३८४ वयरस्वामिस्वाध्याय ९ गु जिनहर्ष ९४४० वयरस्वामिस्वाध्याय ८ गु जिनहर्ष ११२०१ वयरस्वामिस्वाध्याय ढाळिया ७ गु जिनहर्षसूरि १०८४७ (२) वरकाणापार्श्वजिनस्तवन ३ गु २ विजयशेखर ९४५४ (४) वरकाणापार्श्वजिनस्तुति ९२१३ (२) वरकाणापार्श्वनाथस्तवन ३ गु २ आचलिक
चन्द्रलाभ ९४५३ (१) वरकाणापार्श्वस्तोत्र
४ गु १ नगागणि ९२१४ वरकाणामण्डनपार्श्वजिनस्तवन ४ गु
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