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________________ [ ३२६ ] पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss ) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता do noon n a १७४४३ भारतीयअष्टोत्तरशतनामस्तवन १ स ९६३७ भारतीस्तवन १ स लघु पण्डित ९६३८ भारतीस्तवन अवचूरि किचिदपूर्ण ४ स ३१११ (२) भारतीस्तोत्र २ स जिनप्रभसूरि ८२६४ (१) भारतीस्तोत्र १४२४५ भारतीस्तोत्र १९१३८ (२) भारती स्तोत्र ८२६३ (२) भारत्यष्टक २ जिनप्रभसूरि १३४२२ भावगीता ३ गु ज्ञानविमलसूरि ९८२७ - भावना १९८९४ भावना १ ४०६ ७७५ (५) भावनाकुलक २३-२४ प्रा ७५९६ (२) भावनाकुलक २ प्रा ७७९८ (२) भावनाकुलक २ प्रा १७२६१ (६) भावना कुलक ४ अप देवेन्द्रसाधु १९५१९ भावनाकुलक सस्तबक ४ प्रागु ८३८८ भावनात्मक देवगुर्वादिवर्णन ३ स १८३१५ भावनाविलास ५ हिदी राजकवि ५४५४ भावनावेल ६ गु जससोमशिष्य १७१३१ भावनासधि ५ अप शिवदेवसूरि १६२६१ भावनासधि बालावबोध सह १४ अपगु मू जयदेव बा गुणनिधानसूरि ९०२ (२४)भावनासन्धि २०७-२१० अप शिजदेवसूरिशिष्य जीवदेवनि ३२०३ (२) भावनासन्धि ३-६ अप जयदेवमुनि ६३५१ भावनासन्धि ३ गु यतिदेवमुनि ७९५६ (३) भावनासन्धि ६-७ अप जयदेवसूरि ९०३६ भावनासन्धि ५ गु जयदेव मुनि १५५६३ भावनासन्धि २ प्रा जयदेवमुनि ९०३७ भावनासन्धि टबार्थसहित ५अपगु मू जयदेव मुनि ३८७१ (७) भावनासन्धिप्रकरण २६-२९ अप जयदेवमुनि ३७९५ भावनासन्धि सस्तबक ५अपभ्रश प्रधान गु मू जयदेवसूरि ११८७३ भावपञ्चाशिका अपूर्ण ३ हिन्दी वृन्दकवि ४४०१ भावप्रकरण २ प्रा विजयविमलगणि ७५९७ (५) भावप्रकरण ८-९ प्रा विजयविमल ७७१९ भावप्रकरण २ प्रा विजयविमलगणि ७७२० भावप्रकरण १ प्रा विजयविमलगणि १८८६३ भावप्रकरण सटीक अपूर्ण १२ प्रास आनदविमल सूरिशिष्य ४७१७ भावप्रकरण सस्तबक ६ प्रागु मू विजयविमलगणि ५१५० भावप्रकरण सस्तचक १० पागु मू विजयविमलगणि भावप्रकरण सस्तबक ६ प्रागु मू विजयविमलगणि ५५४५ भावप्रकरण सस्तबक २ प्रागु मू विजयविमलगणि १३३४१ भावप्रकरण सस्तबक ५ प्रागु मू विजयविमलगणि १६७१९ भावप्रकरण सावचूरि त्रिपाठ ४ प्रास विजयविमलगणि स्वोपज्ञ १७१८६ __ भावप्रकरण सावचूरि त्रिपाठ ४ स विजयविमलगणि स्वोपज्ञ भावप्रकरण स्वोपज्ञअवचूरिसहित त्रिपाठ ७ प्रास विजयविमलगणि १४०७५ भावप्रकरण स्वोपज्ञटीकासहित त्रिपाठ ४ प्रास विजयविमल ७७२१ भावप्रकरण स्वोपज्ञावचूरिसहित विजयविमलगणि त्रिपाठ ४ प्रास स्वोपज्ञ
SR No.010180
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size28 MB
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