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क्रमाक
पुस्तकनु नाम
पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रंथोनो अकारादिक्रम
पत्र भाषा कर्ता
[ ३०१ ]
क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
स
स
८
५
स
१५९२१ (१) पाघुर्णकस्तवन
३ गु १. ब्रह्मभक्त ८७४४ (२) प्राचीनअभिधानकोशनामसड्ग्रह १ स ९८४७ प्राचीनकर्मग्रन्थषटक २३ प्रा गर्गर्षि आदि
९०१ प्राचीनकर्मग्रन्थषटकादि ३५ प्रा १८७६९ प्राणसुख वैद्यक (चोपाई) १ हि दरवेश हकीम ८२०८ प्रातिहार्याष्टकस्तव सावरि पञ्चपाठ
१ स १५५३४ प्रायश्चितदानविधि १७४२८ प्रायश्चितदानविधि
४ गु १८५८६ प्रायश्चित्तप्रदान विधि
३ हिदी १८०३३ प्रायश्चित्तप्रदानादि अपूर्ण
४ सप्रा २८९६ प्रायश्चित्तविधि १२८६३ प्रायश्चित्तविधिपञ्चाशक सस्कृतछायासह
। १५ प्रा स मू हरिभद्रसूरि १८७४२ प्रायश्चित्ताधिकार
१ सहि १२८४७ प्रासादमण्डन सस्तबक ५१ सगु मू सूत्रधार मण्डन
७९५४ प्रासुकपानीयषत्रिशिकाप्रकरण २ प्रा दयानन्द १८७३२ प्रासुकाहारविचार
३ सप्रा १८२०४ प्रास्ताविककवित
३ हिदी ८६९४ प्रास्ताविककूटादिश्लोकसड्ग्रह ३ स ९८१७ प्रास्ताविकगाथासङ्ग्रह ६ प्रा १८६१८ प्रास्ताविक गाथा सस्तबक ५ प्रागु १६१३२ प्रास्ताविकश्लोक
२ स ८७०६ (२) प्रास्ताविकश्लोकसग्रह
१ स २७१८ प्रास्ताविकश्लोकसङ्ग्रह
६प्रा सगु २७१९ प्रास्ताविकश्लोकसड्ग्रह ५ प्रागु ८६९३ प्रास्ताविकश्लोकसङ्ग्रह
४ स ८६९५ प्रास्ताविकश्लोकसङ्ग्रह २३ स
१३८३० प्रास्ताविकश्लोकसङ्ग्रह १०-२४ सगु १४७४४ प्रास्ताविकश्लोकसङ्ग्रह ४ सग.
४००५ प्रास्ताविकश्लोकसड्ग्रह आदि २५प्रा सगु १९५१२ प्रास्ताविक श्लोक सस्तबक ३ सगु १८२९४ प्रास्ताविक श्लोको
२ स १९०३२ (३) प्रियकर कथा
१लु सस्कृत १७६५३ प्रियकरनृपकथा उपसर्गहरस्तोत्र प्रभावोपरि
२४ स जिनसूरि १५६१३ प्रियङ्करनरेन्द्रचतुष्पदी १८ गु गुणविजयगणि १०८०९ प्रियमेलकचतुष्पदी
७ गु समयसुन्दर १६२६९ प्रियमेलक चतुष्पदी
९ गु समयसुन्दर १६२८४ प्रियमेलक चतुष्पदी
८ गु समयसुदर १७९७३ (१) प्रियमेलक चोपाई
५ गु समयसुदरोपाध्याय ६२९५ (२) प्रीतमगुणवर्णन ३४६५ (२) प्रेमविलास
४-६ गु जयवतसूरि १३०८२ प्रेमविलास
२० वजभाषा १७४५१ प्रेम सप्तशती
२८ व्रज प्रेमदास ८५६० प्रौढमनोरमा उत्तरार्ध
१२ स भट्टोजी दीक्षित १५६०५ फलवर्घिमण्डनपार्श्वजिनस्तवन ४ गु कुशलहर्ष ८९८१ फलवर्द्धिपार्श्वनाथरास २ गु खेमराजमुनि ३१२२ (९) फलवर्द्धिभास
३जु गु कोरण्टकगच्छीय
नन्नसूरि ८२१६ (१) फलवर्द्धिमण्डन पार्श्वदेवस्तोत्र १ स १४६१५ (३) फलवर्धिपार्श्वजिन स्तवन
१० गु ३ रत्नहर्ष १६०४४ (३) फाग ८६८३ (५) फारसीभाषामयनमस्कारकाव्य सटीक
३ फारसी १८५४८ फुटकर श्लोक सभाषित विगेरे ५ सस्कृत