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________________ ।२८३ ] पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जेन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss) २००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भापा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता 쇠여성 여성 여 여 여 여 ५७०२ पुण्यप्रकाशस्तवन ७ गु विनयविजयोपाध्याय ५७०३ पुण्यप्रकाशस्तवन ९ गु विनयविजयोपाध्याय ५७०४ पुण्यपकाशस्तवन ५ गु विनयविजयोपाध्याय ६३४६ (३) पुण्यप्रकाशस्तवन ५-७ गु विनयविजयोपाध्याय ९४३८ पुण्यप्रकाशस्तवन ५ गु विनयविजयोपाध्याय ९९२० (२) पुण्यप्रकाशस्तवन ११-१६ गु विनयविजयोपाध्याय ९९२७ पुण्यप्रकाशस्तवन ७ गु विनयविजयोपाध्याय ९९६२ पुण्यप्रकाशस्तवन १५-२१ गु विनयविजयोपाध्याय ९९६९ पुण्यप्रकाशस्तवन ७ गु विनयविजयोपाध्याय ११६३९ पुण्यप्रकाशस्तवन ३ गु विनयविजयोपाध्याय १२६९९ पुण्यप्रकाशस्तवन ६ गु विनयविजयोपाध्याय १२९१३ पुण्यप्रकाशस्तवन ७ गु विनयविजयोपाध्याय १९४९१ (१) पुण्यप्रकाश स्तवन ८ गु विनयविजय १९५६१ पुण्यप्रकाश स्तवन ५ गु विनयविजयजी १६०९९ पुण्यप्रकाशस्तवनादि ८ गु उपा यशोविजयजी ९५५७ (५) पुण्यफलकुलक ५मु स ११०७४ पुण्यफलकुलक १ प्रा जिनकीर्तिसरि ११०८३ (२) पुण्यफलकुलक १ प्रा २ जिनकीर्ति १७२६१ (१) पुण्यफल कुलक ४ अप जिनकीर्ति ९८०८ पुण्यफलकुलक सामायिकपौपधफलकुलक सस्तवक १ प्रागु जिनकीर्ति ८४१८ पुण्यफलविचार ५ गु ३१२२ (२) पुण्यमास १ गु ९१२५ (३) पुण्यमयवृत्तगीत १ गु ३ लावण्यसमय ११०७३ पुण्यलाभकुलक १ प्रा जिनकीर्तिसूरि १२४८ पुण्यलाभकुलक बालावबोधसहित त्रिपाठ १ प्रागु मू जिनकीर्तिसूरि ११९०१ पुण्यवल्लभोपाध्यायगीत पद्मवल्लभ खरतरगच्छीय १ गु खरतरगच्छीय ५४२६ पुण्यसारकथा १७७६ (५) पुण्यसारकथा साधर्मिकवात्सल्ये २१-२५ स ३८६७ पुण्यसारकथा करुणाविषये श्लोकबद्ध ११ स १८१९ (२) पुण्यसारकथानक जीवदयाविषये ७ थी १९ स ८११० पुण्यसारकथा पद्य १ स १०१८२ पुण्यसारकथा पद्य २-२४ स शुभशील ४००१ (१०)पुण्यसारकथा श्लोकबद्ध ३०-३१ स ९०१२ पुण्यसारचरित्रचउपई १७ गु साधुमेरुगणि पण्डित ३२१२ पुण्यसारचरित्रप्रबन्ध चउपईबन्ध ३२ ग आगमगच्छीय साधुमेरुगणि ८९५१ पुण्यसाररास २० गु तेजचन्द्र मुनि १२४८९ पुण्यसाररास अपूर्ण २-२५ गु १८६२ (८) पुण्याढ्यकथा-कुलमदविषये १ ८९४९ पुण्याढ्यरास । ८ गु ८९५० पुण्याढ्यरास सम्पूर्ण ११-१७ गु १९५५१ (२) पुत्र प्रतिबोध सज्झाय १-२ गु ९४४१ (३) पुत्रसज्झाय ८ गु ३ मानकवि ५६०५ पुद्गलगीता ५ हिन्दी चिदानन्द १३३९६ पुद्गलगीता ८ गु चिदानन्दजी ८३९६ पुद्गलना भागा २ प्रा ८४०० पुद्गलपरावर्त-भाषा-. दिक्पालादिविचार १ स १७८२५ (२) पुद्गल परावर्तमान ९ थी १० हि
SR No.010180
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages561
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size28 MB
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