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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss.)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम
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क्रमाक
पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
क्रमाक
पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
२
प्रा
२
स
स
१४
स
२७३९ दूताङ्गदछायानाटक
५ प्रास सुभट कवि १७३५८ (१) दूषमकाल श्रमणसघस्तोत्र साव० ६ प्रास मू धर्मघोषसूरि
३८९१ दूषमगण्डिकाप्रकरण ३ प्रा विमलप्रभसूरि १४५६६ दूष्षमाप्राभृत यन्त्रसह २३ प्रा १४५९७ दृष्षमाप्राभूत यन्त्रसह ३१ प्रा २१२२ . दूसमदडिप्रकरण
पइपहुसूरि ३४६४ (१) दूहासङ्ग्रह
गु नरपति कवि ९१५२ दूहासङ्ग्रह ११२०४ दूहासङ्ग्रह
१२ गु
आदि ९३०६ दृढप्रहारिमुनिस्वाध्याय १ गु लावण्यसमय ९३२८ (१) दृढप्रहारिसज्झाय
२ गु १ लावण्यसमय १७५८६ (१) दृढप्रहारी स्वाध्याय
३ गु लावण्यसमय १७०६५ दृष्टातशतक १७७६३ दृष्टान्तकुतक
४ स यशवत १४९९२ (२) दृष्टान्तमाला अपूर्ण
८ प्रास २ अरिमल्ल १७७२ दृष्टान्तरलाकर श्लोकबद्ध २३ स अनन्तहसगणि १८३२८ दृष्टान्तशतक
४ सस्कृत कालिदास १७७१ दृष्टान्तशतक श्लोकबद्ध २ स
३३११ देलवाडामण्डन ऋषभदेवस्तव सावरि त्रिपाठ औषधिप्रयोग ७ प्रास मू लक्ष्मीसागर
अव धर्मचन्द्रगणि १२१४० देलवाडामण्डनयुगादिजिनस्तवन अप
सटीक त्रिपाठ मन्त्राम्नायगर्भित २ सगु मू शुभसुन्दर १२१४१ देलवाडामण्डनयुगादिजिन
स्तवनावचूरि मन्त्राम्नायगर्भित ४ सगु १९१८७ (१) देवाप्रभो स्तोत्र ७४३३ (१) देवकथा गद्य ११९४५ देवकीजीना ढाळियां किचिदपूर्ण
१७ गु ६४९७ (२) देवकीजीना छ पुत्रना १९ ढाळिया
२-२२ गु ६५०० (१) देवकीना ढाळिया
८ गु शुभवर्धनशिष्य ५५३७ देवकीनी चोपी ढाल ५५३८ देवकीनी चोपी ढाल ५९१८ (३) देवकीसातपुत्रस्वाध्याय ४ गु लब्धिविजय ३८२० देवकुमार कथानक श्लोकबद्ध १२ १८५३ देवकुमारकथा श्लोकबद्ध २१ स १९४५ देवकुमारचरित्र श्लोकबद्ध १० स २०३५ देवकुमारचरित्र श्लोकबद्ध ११६७९ (१) देवकुलपाटकचिन्तामणि
पार्श्वनाथ स्तोत्र ११९३२ देवचन्दजी चोवीसीगत स्तवन ३ गु ५६९१ देवचन्द्रकृत चोवीसी
बालावबोधसहित त्रिपाठ १२५ गु देवचन्द्रगणि १२८१९ देवचन्द्रजी चोवीसी
२५ गु देवचन्द्र ११५९८ देवचन्द्रजीचोवीसी
बालासहित त्रिपाठ १५८ गु
प्रागु
१७८०९ दृष्टान्तशतक सस्तबक २० सगु केशवगणी (१) ४६८६ दृष्टान्तशतक सस्तबक अपूर्ण ४ सगु मू लुम्पक तेजसी ८०९१ दृष्टान्तसङ्ग्रह गद्य-पद्य २२ स ५९४५ (२) दृष्टान्तोपनयस्वाध्याय ३ गु गुणविजय १८६१ (४) देपालकथा-देवपूजाविषये ९७१७ देलवाडामण्डनआदिनाथस्तवन सटीक पञ्चपाठ
२ प्रास मू मुनिसुन्दरसूरि ५९१२ देलवाडामण्डनआदीश्वरजिनस्तवन सटीक महामन्त्रमय
८ प्रास मू शुभसुन्दर