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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mss)२००३५ ग्रथोनो अकारादिक्रम पुस्तकनु नाम पत्र भाषा कर्ता क्रमाक पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा कर्ता
कमाक
३३ प्रा
११६७२ तीर्थमालास्तोत्र
१ स कल्याणसागरसूरि १२३०५ (२) तीर्थराजपदपद्मसेवा स्तुति
स्वोपज्ञ अवचूरिसहित पञ्चपाठ १ स २ सोमतिलकसूरि १३७९७ तीर्थवन्दना
१ स ५८०५ तीर्थवन्दना-सकलतीर्थ० २ गु जीवविजय १७४१९ तीर्थोद्रालिकप्रकीर्णक २८ प्रा ११२५९ तीर्थोद्रालिकाप्रकीर्णक ३५ प्रा
६६६ (२०)तीर्थोद्गालि प्रकीर्णक १८६-२४५ ९२४ तीर्थोद्रालिप्रकीर्णक
४ प्रा १००९२ (१) तीर्थोद्रालिप्रकीर्णक १-२३ प्रा
६५९ तीर्थोद्गालीप्रकीर्णक ६७३९ तीर्थोद्धारप्रकीर्णक
२० प्रा १९८९१ तुबडानी सज्झाय ६९७५ तृतीय-चतुर्थकर्मग्रन्थ
मू देवेन्द्रसूरि टबार्थसहित
२० प्रागु स्त धनविजय ४४४२ तृतीयकर्मग्रन्थ टबार्थसहित ४२ प्रागु मू देवेन्द्रसूरि
ट यश सोम ११९०५
तेजरत्नसूरिस्वाध्याय विधिपाक्षिक
१ गु ५४७० तेजसार चउपई
२-१४ गु खरतर कुशललाभ ५४७६ तेजसार चोपई
१३ गु खरतर कुशललाभ ८०७९ तेजसारनरेन्द्रकथा गद्य
दीपकपूजा फलविषये ११ स ५४८९ तेजसाररास
१३ गु कुशललाभ १४६२० तेजसाररास
१४ गु कुशललाम ६४३१ (२) तेतरीयासज्झाय
१ गु धनहर्ष ६१९१ (५) तेतरीयास्वाध्याय २१-२९ गु धनहर्ष १८७५२ तेतीका थोकडा बोल सग्रह १५ हिदी
१३ हि
९३७९ तेत्रीशगुरुआशातनासज्झाय १ गु ६२२१ तेत्रीस आशातना टालक सवैया १ गु ९३७६ (१) तेत्रीसआशातनापरिहारसज्झाय २ गु १ पार्श्वचन्द्र ९२२३ (२) ते बलियो सज्झाय
१ गु २ हर्षविजय ९९१६ (४) तेर काठिया ।
५ हिन्दी ५६१० (१) तेर काठियानी सज्झाय १८ गु १ विशुद्धविमल ११६३५ तेर काठियानी सज्झायो ८ गु विशुद्धविमल १६१०३ ४) तेरकाठिया भास १३३३९ तेर काठिया सज्झाय ९ गु विशुद्धविमल १६२८६(२) तेरकाठीआसज्झायादि
गु धर्मरल ५९४२ तेर काठीयानु स्वरूप ३१८६ (१) तेरकाठीयासज्झाय १लु गु ब्रह्म ३१८६ तेरकाठीयासज्झाय आदिसज्झाय
१५ गु १७८१० तेरद्वार १२८१६ तेर प्रश्नोत्तर १०७६८ तेर स्थानक आश्री जीवादिविचार
बालावबोध वार्तारूप २१ गु ८९३९ (३) तैलज्ञान-त्रुटक-मूत्रपरीक्षा ६-७ स २८७५ त्याद्यन्तप्रक्रिया
८९ स उपाध्याय सर्वधर ६३१३ त्रणचोवीसी ७२ जिनस्तवन १ गु राजसागर ५९९६ (१३)त्रण थोयना जोडा
जिनविजय ८६८२(२) त्रयस्त्रिशद्वयञ्जनमयकाव्य सटीक
१ स ९१२८ (७) त्रयोदश काठिया २१-२२ हिन्दी ११२८८(२) त्रयोदशक्रियास्थानगर्भित वीरजिनस्तवन
३ स. ८१९१ (१) त्रयोदशक्रियास्थानगर्भित
१ विनयविजयोवीरस्तव
१ स पाध्याय
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