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पाटणमा श्री हेमचन्द्राचार्य जेन ज्ञानमदिरस्थित कागळ उपरना हस्तलिखित (Paper Mr.)२००३५ ग्रथोनो अकारादिकम
[ १३८ ]
क्रमाक
पत्र भाषा
पुस्तकनु नाम
का
क्रमाक
पत्र मापा कता
पुस्तकनु नाम
१७४३५ १७५५७ १८६९३ १९३८० १९६०५ ४१६४
६२७ १८५०६ ४०९३
४०९४
चतु शरणप्रकीर्णक सस्तबक ६ प्रागु चतु शरणप्रकीर्णक सस्तवक १८ प्रा गु मू वीरदेवगणि चतु शरणप्रकीर्णक सस्तवक ९ प्रागु चतु शरणप्रकीर्णक सस्तवक ४ प्रागु मू वीरभद्रगणि चतु शरणप्रकीर्णक सस्तवक ७ प्रागु वीरभद्र चतु शरणप्रकीर्णक सस्तवक किजिदपूर्ण
१० प्रागु चतु शरणप्रकीर्णक सावरि ७ प्रास म् वीरभरगणि चतु शरण प्रकीर्णक सावरि ६ ग्रास चीरभद्र चतु शरणप्रकीर्णक सावरिक त्रिपाठ
९ प्राम मवीरभद्रगणि चतु शरणप्रकीर्णक मावरिक त्रिपाठ
१० पास मवीरभद्रगणि चतु शरणग्रकीर्णक सावरि त्रिपाठ
१६ पास मबीरभरगणि चतु शरणपकीर्णक सावचरि दिपाठ अपूर्ण
८ प्रास मनोरभरगगि चतु शरणप्रकीर्णक मावरि पत्रपाठ
रु प्रागं मनीरभद्रगणि चतुगरणप्रकीर्णक सावरि पतपाठ
३ पाम मवीरभद्रगणि चतुगरणप्रकीर्णक सावरि पाठ
३ पास म् वीरभरगणि चा शरणप्रकीर्णक सावरि गम्नवक
१७ प्रा.ग मनोभागणि चन शरणप्रकीर्णक स्थगनादार ८ा चीरभद्रगणि चा शरणप्रकीर्णकादिपकीर्णक वीजफराहिला
४२७८ चतु शरणप्रकीर्णकादि
प्रकीर्णकमड्ग्रह ७५८४ (१) चतु शरणप्रकीर्णकावरि १-६ स १०१३९ चतु शरणप्रकीर्णकावचूरि ११ स १२९८९ चतुशरण वालावबोधरूपवृत्तिमर
७ पागु १४२१२ चनुशरण बालावरोधसह ५ प्राग १५३३० चतु शरण वालावलोष सह ७पागु म वीरभद्रगणि ९४९५ (१) चापारण मावरिफ पउपाठ १८ पास मवीरभद्रगणि १३९९२ चतु शरण मावरि पउपाठ ७ प्रारा म् वीरभद्रगणि १८६८९(१) चारतोकी भागनत मार्य १-४ सग ८२६० (१) टिगोगियोगवन १ मा १ नन्दन ८२११४१) चाहियोगिगास्तोत्र
१ पास पीन्दन २७६४ (२) चा पधियोगितीगोत्र १७८२६ (२) चामष्टिगोगिनी गोर ७थी८ पा धर्मगमन
८४१० मा मानपदा विचार ६ ग १९३०१ चापर्श स्वप्रविनार
४ ग १२०१७ चतुरर्थगर्भिाएकानगीस्ती
स्मारिणत पाठ
कमजप ५७७८ (३) मागुन मावश १ म फुरातवर्धन १९३२ नारशा आगाला
८२१
४१५७
८२०
७५७२
१०५१२
८२२
२८९१ (२)
शीfra
मरूप
९५८१ ६६६
१३८८(२१ चमत्यागा
१५-१६, प्रा चिापभत्रि