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३ भि० सि०
निदान
जाति
(सामान्य)
व्यक्ति (विशिष्ट ) उत्पादकहेतु कारण का
( रोगविनिश्चय) ( Diagnosis ) व्यंजक या ख्यापक हेतु के रूप में सामान्यार्थ मे पाँचो का बोधक१ निदान २ पूर्व रूप ३ रूप ४ उपशय ५ सम्प्राप्ति
बोधक
। निमित्त हेतु
समवायि दोप वैपम्य
( Etiology)
। आयतन प्रत्यय उत्थान कारण-पर्याय
असमवायि
सूचक दो कोष्ठक यहाँ पर प्रस्तुत किये जा रहे है।
विषय के समझने मे सरलता लाने के लिये हेतु लक्षण सूचक तथा हेतु प्रभेद
द्वितीय अध्याय
निमित्त-भेद (विकृत दोष दूष्य सयोग) मिथ्याहार विहाराभिघातादि .
आभ्यतर
वाह्य [ स्व० गणनाथ सेन इसी को वास्तविक
कारण मानते है।]
"सेतिकर्तव्याक' रोगोत्पत्तिहेतुनिंदानम् ।" इस परिभाषा मे त्रिविधकारणो का समावेश है। "बाह्यनिमित्तं रोगाणा निदानमिति कीर्तितम् ।" इसमे केवल निमित्त कारण का ग्रहण किया गया है।
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