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चतुर्थ खण्ड : उन्तालीसवाँ अध्याय
भरकर अग्नि पर चढाकर चौवीस घण्टे तक पाक करे। फिर इन टिकियो को निकालकर चक्रमर्द तथा शरपुंखा क्वाथ से घोटकर पुटपाक देना चाहिये । जब भस्म श्वेतवर्ण की हो जावे तथा उसके थोडे से भाग को प्रदीप्त अंगार पर रखने से धुवा न निकले तब अच्छी प्रकार से मृत भस्म जान कर पुट देना बन्द कर देना चाहिये । मात्रारत्तो से ३ रत्ती तक । अनुपान घो एवं मिश्री । उपयोग बहुत प्रकार के कुष्ठ, रक्तदुष्टि, शीतपित्त और गलत् कुष्ठ मे लाभप्रद । - रसमाणिक्य-पत्रताल हरताल को लेकर उसे कुष्माण्ड स्वरस, दही के पानी और काजी मे पृथक्-पृथक् दोलायत्र विधि से नौ-नौ घण्टे तक, तीन-तीन दिनो तक स्देदन करे। फिर उसको सुखाकर चावल के बरावर के टुकडे कर ले। अब इन टुकडो को एक मिट्टी के पात्र मे या शराव-सम्पुट मे एक श्वेतपत्र अभ्रक पत्र रखे, उस पर उन हरताल के टुकडो को रखकर ऊपर से दूसरे श्वेत अभ्रक पत्र से ढंककर पात्र के मुखपर एक सकोरा रखकर दोनो का मुख बन्द कर ले। बेर की पत्ती के कल्क से दोनो सकोरो के सधिस्थल के मुख को पूर्णतया बन्द कर देना चाहिये। फिर अग्नि मे रख कर पाक करे । जव पात्र के नीचे का भाग लाल रंग का हो जाय तो अग्नि देना बन्द करके, शीतल हो जाने पर माणिक्य के समान आभावाले रस को बाहर निकाल कर शीशी में रख ले। मात्रा ३ रत्ती से १ रत्ती । गुडूची सत्त्व १ मागा, घी और मिश्री के अनुपान से दिन में दो बार सुबह-शाम ।
हरताल के योगो के, लम्बे समय तक, १ वर्ष या दो वर्ष तक भी, उपयोग की आवश्यकता महाकुष्ठो मे पडती है। कई बार इनके प्रयोग-काल मे रोगी मे रोग की प्रतिक्रिया होकर चकत्ते अधिक लाल रंग के और स्पष्ट हो जाते है । ऐसी दशा में कुछ दिनो तक औषधि का सेवन वन्द कराके प्रवाल पिष्टि ४ रत्ती प्रतिदिन देना चाहिये । फिर रसमाणिक्य का प्रयोग चालू करना चाहिये ।
ब्रह्मरस-रम सिन्दूर १ तोला, शुद्ध गंधक, चित्रक मूल की छाल, वाकुची वीज, ढाक वीज प्रत्येक १२-१२ तोले तथा पुराना गुड ३० तोला, एकत्र शहद के साथ खरल करके ४-४ रत्तो की गोलियां बना ले । १-१ गोलो दिन में तीन वार पातालगरुडी के काढे के साथ सेवन ।
गलत्कुष्टारिरस-शुद्ध पारद, शुद्ध गधक, ताम्र भस्म, लौह भस्म, शुद्ध गुग्गुलु, चित्रक मूल, शुद्ध शिलाजीत, शुद्ध कुपीलु और त्रिफला प्रत्येक १-१ तोला, अम्रक भस्म एव करंज वीज का चूर्ण प्रत्येक ४-४ तोले । घृत और मधु से घोट कर १ माशे की गोलियां वनावे । मंजिष्ठादि काथ के अनुपान से