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१. श्रवण से ही धर्म का,
परिज्ञान होता है पाप-पय का श्रवण से ही, ____ भान होता है
॥
२. दोनों का सम्यक ज्ञान नर,
श्रवण से ही पायेगा । उसको मिलेगी शान्ति,
जो धर्म-पय अपनाएगा ।।
३. श्रुतज्ञान के नित श्रवण फो,
प्रियवर पानी न भूलना । * महावीर ने यह सुवचन,
प्रिय शिष्य गौतम से पहा ।।
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