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१२. गाया
१२. गाया ..... जह सुणी पूइ. कन्नी
निक्कसिज्जई सव्वसो। एवं दुस्सील पडिणीए
मुहरी निक्क्रसिज्जई॥
.उत्त०. अ० १.गा० ४
अर्थ
जैसे सडे हुए कानों वाली कुतिया प्रत्येक स्थान से निकाल दी जाती है वैसे ही दुःशील और गुरुजनों का विद्वेषी तथा असम्बद्ध प्रलापी मनुष्य सव स्थानों से निकाल दिया जाता है।