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१. आकर रात जीवन में,
जो आगे है निकल जाती। नमक्ष लो, सोच लो दिल में,
नहीं वह लौट कर आतो ।।
२. जीवन को मौन रातों में,
जो प्राणी धनं कर लेगा। सफलता के मदु अमी से,
यह जीवन-पालश भर लेगा।
इस दुर्गा मामय काम मे,
जो बने जल्यो वा ! * मार में वर मुसा,
लिप नतम ता ।