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आत्मा की शक्ति
२०३ उसी क्षण हायो बिलकुल शान्त हो गया। उसे जातिस्मरण-ज्ञान उत्पन्न हुआ । उस ज्ञान से उसने अपने पूर्व-भव देखे और प्रतिबोध पाया । ___यह देखकर लोगो के आश्चर्य का पार नहीं रहा । वे साधी के सत्व की स्तुति करने लगे। फिर साध्वी के कहने पर उस गाँव का राजा उस हाथी को अपनी हस्तिगाला मे ले गया। वहाँ वह जीवन भर तप करता रहा । उस तप के प्रभाव से वह मरने पर आठवे स्वर्ग मे देव हुआ । वहाँ से चलकर ज्ञानी मुनिवरो के कथनानुसार मनुष्य भव पाकर मोक्ष गया।
विषयवासना का यह परिणाम जानकर सुजजन उससे दूर रहें और धर्म का आराधन कर अपने जीवन को सफल बनायें । यह महर्पियो का उपदेश है और हमारा भी यही कहना है ।
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