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श्रात्मतत्व- विचार
लोहे और पारसमणि के बीच कपडे का अन्तर था, इसलिए लोहे का सोना नहीं होता था । उसी तरह आप के और गुरु के बीच मोहमाया का अन्तर है, इसलिए आपको सच्चा ज्ञान नहीं होता । अगर यह मोहमाया का पर्दा हट जाये, तो आपको आज और इसी वक्त सच्चा ज्ञान हो जाये, और आप उसके सहारे चारित्र में प्रगति करके शिवसदन का अनन्त सुख भोग सके । इसलिए, मोहमाया छोडे और सद्गुरु का मग करने में सदा तत्पर रहें ।