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________________ अपश्चिम तीर्थकर महावीर - 61 सजा था वहां, पहुंचा। संयोग से विश्वभूति मासखमण के पारणे हेतु उधर से निकला। कुछ लोगों ने देखा, फिर विशाखनंदी से कहादेखो-देखो विश्वभूति मुनि जा रहे हैं। विशाखनंदी क्रोध से देखता है। संयोग से एक गाय विश्वभूति मुनि को नीचे गिरा देती है। तब व्यंग्य से विशाखनंदी- अरे कैथ के फूलों को नीचे गिराने वाले बलशाली कुमार, क्या हुआ? तुम्हारा बल कहां गया? आज गाय द्वारा भी तुम गिरा दिये गये । इतना कहकर जोर से उपहास करता है। तब विश्वभूति मुनि को क्रोध आ जाता है क्योंकि शास्त्र कहता है, तपस्वी को क्रोध का अजीर्ण होता है। विश्वभूति मुनि क्रोध में गाय को सींगों से उठाकर आकाश में उछाल देते हैं। उसी समय निदान करते हैं- यदि मेरी तपश्चर्या का फल हो तो मैं भवान्तर में विशाखनंदी को मारने वाला बनूं। इस प्रकार का निदान कर लिया। तत्पश्चात् संयम का पालन करता हुआ करोड़ वर्ष का उत्कृष्ट आयुष्य भोग कर पूर्व पाप की आलोचना किये बिना मृत्यु को प्राप्त कर महाशुक्र विमान में उत्कृष्ट आयु वाला देव बना। यह भगवान् महावीर की आत्मा का 17वां भव था 25 कर्मों की रेखा बहुत बलवान है। कर्म व्यक्ति को चक्रवर्ती से नैरयिक बना देते हैं। नारक से तीर्थंकर बना देते हैं। कर्मों की मार से महापुरुष भी बच नहीं सकते। इनकी लीला बड़ी गजब है। किस समय व्यक्ति कर्मों के कारण क्या कर देता है- यह सर्वज्ञ ही जान सकते हैं। कर्मों की विचित्र लीला घटी, राजा 'रिपुप्रतिशुत्र' के जीवन में। भरत क्षेत्र में पोतानपुर नामक नगर था। वहां राजा रिपुप्रतिशत्रु राज्य करता था। उसके भद्रा नाम की महारानी थी। उसको एक बार अर्धनिद्रित अवस्था में, अर्धरात्रि में चार महास्वप्न आये। जिनके फलस्वरूप महारानी ने एक पुत्ररत्न को जन्म दिया, जिसका नाम अचलबलदेव रखा गया। कुछ समय पश्चात् महारानी ने मृगनयनी सदृश एक कन्यारत्न को जन्म दिया जिसका नाम मृगावती रखा। मृगावती अद्वितीय सुन्दरी, सुकुमारी थी। राजघराने में वह क्रमशः बड़ी होने लगी। यौवन में प्रवेश पाने वाली वह राजकुमारी अपूर्व लावण्यवती प्रतीत हो रही
SR No.010152
Book TitleApaschim Tirthankar Mahavira Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
PublisherAkhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh
Publication Year2005
Total Pages259
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size10 MB
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