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अपश्चिम तीर्थकर महावीर – 30 ___जन्म कुण्डली स्थापना : संवत् 2691 वर्षे मासोत्तममासे चैत्रमासे, शुक्लपक्षे त्रयोदशी तिथौ, भौमवासरे घटी 95 पल 11 उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र 6 घटी 60 ध्रुवयोगे घटी 45 पल 55 तैतलकर्णे एवं पंचांगशुद्धौ श्री इष्टघटी 45 पल 15, इक्ष्वाकुवंशे क्षत्रियकुण्डलपुर नगरे सिद्धार्थ गृहे त्रिशल क्षत्रियाणी कुक्षौ पुत्ररत्नमजीजनत् ।
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___ जिनके जन्म के समय तीन ग्रह उच्च हो वह राजा, पांच ग्रह उच्च हो वह अर्ध चक्रवर्ती, छह ग्रह उच्च हो वह चक्रवर्ती और सात ग्रह उच्च हो वह तीर्थंकर बनता है।
कल्पसूत्र; राजेन्द्र सूरिकृत बालावबोधिनी वार्ता कल्पसूत्र; श्री देवेन्द्रमुनिजी म.सा., श्री अमर जैन आगम शोध संस्थान, गढ सिवाना, राज.; सन् 1968; पृ. 133-34