________________
उपदेश-सुधा ने झोंपड़ियों से लेकर राजभवनों को भी आप्लावित कर दिया था। फारस और ईरान आदि देशों को भी उनकी उपदेश-सुधा ने अभिषिक्त कर दिया था। भारत के कोने-कोने में तो उनकी विजय का नाद गूंजने लगा था। जन-जन के हृदय से उनके प्रति श्रद्धा की गंगा फूट पड़ी थी। कोटि-कोटि लोग उन्हें भगवान मानकर, अपनी श्रद्धा के सुमन उनके चरणों में चढ़ाने लगे थे। धन्य थे वे आराधक और घन्य थे उनके आराध्य !!