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साथ गंभीर जान देने वाला है -
द्वितीय विश्वयुद्ध के अरसे मे सेना में भर्ती करने के काम के लिये एक कुशल अग्नेज अधिकारी नियुक्त किया गया। Reculiting officer भर्ती अधिकारो कहलाने वाले ये महाशय गांव गांव घूम कर वहां के युवक वर्ग को एकत्रित कर सेना मे भर्ती होने के लिए भाषण देते थे। उन्होने एक स्थान पर जो भापण दिया उसका थोडा सा उपयोगी और मनोरजक भाग नीचे दिया जाता है -
"नाम लिखा दो, फौज मे भर्ती हो जायो। किसी भी चिन्ता का कोई कारण नही है ।
"तुम फौज में भर्ती हो जायोगे तो 'दो वाते' होगी। या तो तुम्हे यहाँ छावनी मे रखा जायगा, या युद्ध के मोर्चे पर भेजा जायगा।
"यदि यहाँ की छावनी में रखा जाय तो कोई चिन्ता नही है-No worry. यदि युद्ध के मोर्चे पर जाना पडे तो 'दो बाते' होगो -
"या तो तुम्हे पीछे-Rear-रखा जायगा या आगेFront--रखा जायगा। यदि पीछे रखा जाय तो फिकर नही-No worlv-यदि आगे रखा जाय तो 'दो बाते'होगी
"या तो तुम शत्रु पर हमला करोगे या शत्रु तुम पर हमला करेगा। यदि तुम हमला करोगे तो कोई चिन्ता की बात नहीं है.--No worry यदि शत्रु तुम पर अाक्रमण करे तो 'दो बाते' होगी
"या तो तुम कैद किये जानोगे या घायल हो जाओगे ।