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मिशन विद्यापीठ द्वारा प्रस्तुत ग्रन्थ मान्य हुआ और इसके उपलक्ष में डॉक्टर साहू को 'इतिहास रत्न' की उपाधि से विभूषित किया गया । इसके लिये मिशन डॉक्टर साहू का अत्यन्त आभारी है ।
डॉ० साहू ने बडै परिश्रम से खोज करके इसे लिखा है और इसके लिये उपयुक्त चित्र भी आप ही ने हमें भेजे हैं। उनके निष्कर्ष और परिणाम अपना महत्व रखते हैं । सभव है कि उनसे कोई विद्वान कहीं पर सहमत न हो. किन्तु फिर भी उनकी प्रामाणिकता में सशय नही किया जा सकता । निस्सदेह उन्होने उडीसा में जैनधर्म का परिचय उपस्थित करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है । इस वृद्धावस्था में- स्वांस रोग से पीडित होते हुये भी- आपकी ज्ञानोपासना की लगन अनुकरणीय और प्रशसनीय है ।
भोपाल मिशन अधिवेशन के सनापति पलासवाडी के कर्मठ वीर और धर्म प्रभावक दानवीर श्रीमान् सेठ अमरचन्द जी पहाड्या इन विद्वानों की रचनाओं से ऐसे प्रभावित हुये कि उन्होने उसी समय ग्रन्थ प्रकाशन के लिए मिशन को पांच हजार रु० प्रदान करने की घोषणा की। सेठ सा० की इस दानशीलता से इस प्रकाशन सुगमसाध्य हुआ है। मिशन सेठ सा० का भारी है और
उनसे वह और भी विशेष आशा रखता है ।
पुस्तक आपके समक्ष हे जो मिशन के सदस्या को भेंट की जा रही है । कुछ प्रतियां बचेंगी, जिनको सर्व साधारण पाठक भी प्राप्त कर सकेंगे। आशा है, पुस्तक सभी को रचिकर होगी ।
विनीत
समনভिलाह जैन
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नरेश संचालक अ० वि० जैन मिशन अलीगंज (एटा)