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दिक-पश्चिम,किपाल-बउण,वाहन शिशुमार(दि.)(श्वे०) मीन (श्वे.)श्वेताम्बर सकेत-पाश और प्रतिरूपक स्वरूप के-सागर धारण दिगम्बर स केत-मुक्ता,शवाल से खीचित और पाश धारण ६. दिक उत्तर-पश्चिम दिकपाल-वायू, वाहन-मृग (श्वे.) (दि०) श्वेताम्बर स केत-वज्र मोर वैजयती,दिगम्वर स केत काष्ठास्त्र ७. दिक-उत्तर, दिकपाल-कुवेर, वाहन-नर (श्वे०) रथ(दि.) श्वेताम्बर स केत रत्न और मुद्गर दिगम्बर स केत-द्विवाहु बनना चतुर्वाहु पुष्पक विमानमें पारोहण ८. दिक-उत्तर पूर्व-दिकपाल-ईशान,वाहन-वृषभ (श्वे०) (द०) श्वेताम्बर स केत-धनु, त्रिशूल, सर्प, दिगम्बर स केत धनुष, त्रिशूल, सर्प मौर खपरी, ८. दिक- प्रवीचल, दिकपाल-ब्रह्मा, वाहन-हस (श्वे.) ज्वेताम्बर सकेत-चतुर्वाहु, पुस्तक और पद्म, दिगम्बर स केत
१०. दिक-पाताल, दिकपाल नाग, वाहन-पद्म (श्वे.) श्वेताम्बर स केत-हायमें सर्प धारण दिगम्बर सकेत-अज्ञात
कतिपय विक्षिप्त देववेवियोका वर्णन १. देव-हरिनेगमेषीया नैगमेश (सन्नाग जन्मवर प्रदानकारी) वाहन अज्ञात, श्वेताम्बर स केत- छागबशिर दिगम्लर सकेत अज्ञात २. देव-क्षेत्रपाल [क्षेत्ररक्षाकारी) वाहन-श्वान (श्वे०) श्वेताम्बर सकेत-अटा, केश, सर्प, पवित्र, उपवीत, विशवायु अस्त्र से सज्जित षड्वाहु होनेसे मुद्गर पाश. डम्बरु, धनुष, अकुश और गैरिकधारण, दिगम्बर स केत-अज्ञात ३. देव-गणेश चतुनीथ, वाहन मूषिक (श्वे०) श्वेताम्बर स केत-हस्तो को सख्या, दोसे चार, ६, ७, १२ पौर ११२