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बाहन-केशरी (श्वे.) यक्षी-अम्बिका मा कुष्माण्डी (श्वे.) या पाम्रा (दि.)
२३. यक्षी या यक्ष-पार्श्वनाथ, श्वेताम्बर (सकेत-पद्म पाश, फल और अकुश, दिगम्बर संकेत (क) चतुर्वाहु होनेसे अकुश, पद्म युगल (श्वे.) षड्वाहु होनेसे, पाश खडग,चक्र, वर्णी, वक्रचद्र गदा और यष्टि (ग) अष्टवाहु होनेसे पाश भादि (घ) चतुविश वाहु होनेसे शख,खडग, चक्र, वक्रचन्द्र, पद्म नीलनलिनी, धनुष, वर्णी, पाश, घटी, कुशचास, शर, यष्टि, ढाल, कुठार, त्रिशूल, वज्र, पुष्पहार, फल, गदा, पत्र, वृ त, वरदामुद्रा आदि २४ यक्षी-महावीर या वर्धमान, श्वेताम्बर सकेत-चतुर्वाहु, पुस्तक, निंबु फल, अभय मुद्रा और पुस्तक, दिगम्बर सकेतपरदामुद्रा और पुस्तक, वाहन- केशरी (श्वे०) (दि०) यक्षी सिद्धयिका
नवग्रह या ज्योतिष्क देवों का वर्णन १. अंचल-पूर्व,ज्योतिष्कदेव-सूर्य, वाहन सप्ताश्व चालित थर श्वेताम्बर सकेत- पद्म युगल दिगम्बर संकेत-+ + २ अचल-दक्षिण, पूर्व विष्क-शुक्र, वाहन, सर्प (श्वे.) स्वेताम्बर सकेत-कुभ दिगम्बर सकेन-त्रिरन्ग सूत्र, सपं, पाश, भोर जपमाला ३. अचल-दक्षिण, ज्योतिष्क देव-मगल, वाहन-पृथ्वी (श्वे०) स्वेताम्बर सकेत-मुतखनन यत्र वरद, वी , त्रिशूल, गदा, दिगम्बर संकेत- केवल वो, ४. अंचल-दक्षिण; पश्चिम; ज्योतिष्कदेव-राहु, वाहनकेशरी (श्वे०) श्वेताम्बर सकेत-कुठार दिगम्बर सकेतवैजयन्ती, ५. अचल-पश्चिम; ज्योतिष्क देव-शनि, वाहन. कर्म; खेताम्बर संकेत कुठार, दिगम्बर सकेत-त्रिरन्ग सूत्र;
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