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________________ ( ५१ ) (३) जैन इतिहास सम्बन्धो स्वतन्त्र पुस्तके तथा ऐतिहासिक सामग्री के संकलन गन्थ यथा विज्ञप्ति संग्रह, प्रशस्ति-संग्रह, शिलालेख संग्रह प्रादि-उल्लेखनीय लेखक- -डा. ए. गिरनाट, रा. ब. पारसदास, पूर्णचन्द्र नाहर, मुनि जिन विजय जी, उमराव सिंह टक, पद्मराज रानीवाले, प. नाथूराम प्रेमी, ब्र. शीतलप्रसाद, डा. बनारसीदास, बिहारीलाल चैतन्य, प्रभुदयाल तहसीलदार, बा. सूरजमल, प्रो. श्रायगर, प्रो सेशागिरि राव, राब नरसिंहमाचर आदि । (४) जैन धर्म और उसके हिंसा आदि सिद्धान्तों तथा उपदेश को प्राघुनिक भाषा और शैली में स्वतन्त्र रूप से प्रस्तुत करने वाली पुस्तके: - उल्लेखनीय लेखक - प. गोपालदास बरैया ( मुरैना विद्यालय तथा जैन मित्र पत्र के सस्थापक और प्रथम सम्पादक) बा ऋषभदास वकील (मेरठ), जे एल. जैनी, श्री लठ्ठे, पूर्णचन्द नाहर, ब्र. शीतल प्रसाद, चम्पतराय बैरिस्टर, बा सूरजभान वकील, प पन्नालाल बाकलीवाल, ला मुन्शीलाल, बा माणिक चन्द, प. दरयाब सिंह सोधिया, मुनि शान्ति विजय, प जुगलकिशोर मुख्तार आादि । (५) समाज सुधार एव शिक्षा प्रचार सम्बन्धी पुस्तके - उल्लेखनीय लेखक बा सूरजभान, प जुगल किशोर, ज्योतिप्रसाद प्रेमी, गोयलीय, प. पन्नालाल बाकलीवाल, आदि । दयाचन्द S (६) पाठ्य पुस्तके -- उल्लेखनीय लेखक - प. पन्नालाल बाकलीवाल, बा. दयाचन्द गोयलीय, ब्र. शीतल प्रसाद, प गोपालदास बरैया, लाला मुन्शीबाल श्रादि । (७) उपन्यास नाटक कहानी आदि -- उल्लेखनीय लेखक - प. गोपाल दास बरैया ( सुशीला उपन्यास), बा सूरजभान, प अर्जुनलाल सेठी, ना. मुन्शीलाल, बा. माणिक चन्द, बा कन्हैयालाल, ला. न्यामतसिंह हिसार ( इनके नाटकों और भजनों की बड़ी घूम रही ), बा. कृष्णलाल वर्मा, पं. नाथूराम प्रेमी आदि ।
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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