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________________ ( १८४ ) पुण्याश्रव कथा कोष – लेखक रामचन्द्र मुमुक्षु, अनु० संपा० प० नाथूसम प्र ेमी, प्र० जैन साहित्य प्रसारक कार्यालय बम्बई, भा० सं० हि० पृ० ३२६ व १६१६, प्रा० द्वितीय । पुण्या श्रव कथा कोष -ले० रामचन्द्र मुमुक्ष, धनु० सपा० प० नाथूराम प्रेमी, प्र० श्रीमती प्रसन्न बाई बम्बई, मा० स० हि०, पृ० २३९, १० १६०७ । पुण्याश्रव कथा कोष (सचित्र) - ले० परमानद विशारद, प्र० जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भा० हिन्दी, पृष्ठ ३६६, वर्ष १६३७, प्रा० प्रथम । पुनर्विवाह जैन शास्त्रोक्त नहीं है - ले० त्रिलोकचन्द दौलतराम, भा० हि०, पृ० है । पुरातन जैन वाक्य सूची - -मक० सपा० प० जुगलकिशोर मुख्तार, प्र० वीर सेवा मंदिर सरसावा, भा० प्रा० हि० । पुराण और जैन धर्म - लेट हमराज शर्मा, मा० हि०, पृ० १०६, वर्ष १९२६ । पुराण परीक्षा - ले० लालता प्रसाद जैन, प्र० स्वय कायम गण, भा० हि०, पृ० ५२, ० १६०७, प्रा० प्रथम | पुरुदेव चम्पु - ले० महाकवि श्रद्दास, सं० टी० व सपा० जिनदास शास्त्री, प्र० माणिक चन्द्र दिग० जनग्रन्थ माला बम्बई, भाषा स०, पृष्ट२१२, ब० १६२८, प्रा० प्रथम । पुरुषार्थ मिद्धयुराय -- ले० अमृतचन्द्राचार्य, टी० पं० नाथूराम प्रेमी, प्र परम श्रुत प्रभावक मंडल बम्बई, भा० स० हि०, पृष्ठ ११५, व० १८०४. श्र० प्रथम । टी० वा० सूरजभान वकील, १६०६, प्रा० प्रथम । पुरुषार्थ सिद्धयुपाय - ले० अमृतचन्द्राचार्य, टी० प० मत्रखनपाल, प्र० भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशनी सस्था कलकत्ता, भा० स० हि०, पृ० ४७९; ब० १६२६, आ० प्रथम । पुरुषार्थं सिद्धयुपाय - ले० अमृतचन्द्राचार्य, प्र० स्वयं देवबंद, भा० स० हि०, पृष्ठ ४२, व०
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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