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प्राचीन जैन इतिहास (वीय भाग)-० सूरजमल बैनः प्र हिगम्बर बेन पुस्तकालय पुरत, भा० वि०, पृ० १२६, व. १६३६ मा. प्रथम ।।
प्राचीन बैन पद शतक-ले विभिन्न प्र• दुलीचन्द्र परवार कनका मा० हि०, पृ०४८।
प्राचीन जैन लेख संग्रह-ले० बा० कामता प्रसाद, मा० हि०, पृ०१०३, ब० १६१६।
प्राचीन दिगम्बर अर्वाचीन श्वेताम्बर-ले. तात्या वेमिनाथ पांगस, . ३६, व० १९११
प्रायश्चित चूलिका-लेखक पुल्वास, टी. नन्दिगुरु, मा० स०, (प्रायश्चित संबह मे प्र०)।
प्राणप्रिय काव्य-लेखक मुनि रलसिंह, मनु० संपा०प० नापूराम प्रेमी, प्र. बैनग्रन्य रत्नाकर कार्यालय बम्बई, मा० म. हिन्दी, पृ. २१, २० १९११, भा० प्रथम।
प्रातः स्मरण मंगल पाठ (पद्य)-प्र० ना• सूरजभान वकील देवबन्द्र, मा० हि०, व० १८९८
प्रायश्चित प्रथ-लेखक अकलकदेव, भा० स०, (प्रायश्चित संग्रह में प्र०),
प्रायश्चित संग्रह (प्रथ)-लेखक विभिन्न प्राचार्य, संपा० पं० पन्नाबाल सोनी, प्र० माणिकचन्द्र दिगम्बर जैनमन्थमाना बम्बई, मा० सं० प्रा०, पृ० २००, ५० १६२१, प्रा० प्रथम ।
प्रायश्चित समुच्चय (चूलिका सहित)-लेखक प० गुरुदास, मनु० पं. पन्नालाल सोनी, प्र० भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशनी सस्था कलकत्ता, भा० स०, पृ० २१६, २० १६२६, आ० प्रथम ।
प्रार्थनास्तोत्र-लेखक कवि भूधरदास व ५० भईनलाल सेठी, प्र. बौहरीमल जैन सर्राफ देहली, भा० हि०, पृ० १६, व० १९३२ ।
प्रेमकली-सपा० कुमार देवेन्द्र प्रसाद बन, भा० हि, पृ० १६० ।