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( १६९) नीति वाक्यामृत-ले० सोमदेवसूरि, प्र. गोपाल नारायस कम्पनी बम्बई, भा० स०, पृ० १३०, ३० १८६१, प्रा० प्रथम ।
नीति वाक्यामृतम-ले० सोमदेव सूरि, सपा०पं० पन्नालाल सोनी, प्र. माणिकचन्द दिग० जैन प्रथमाला बम्बई, भाषा म०, पृ० ४६४, ३० १९२२, मा० प्रथम ।
नोति वाक्यामृतम् (परिशिष्ट)--ले० सोमदेव सूरि, प्र० माणिकचन्द्र जैन प्रथमाला बम्बई, भा० स०, पृ० ८०, व० ११२८, प्रा० प्रथम ।
नीति सार-ले० इन्द्रनन्दि, भा० सं०, (तत्वानुशासनादि संघह में प्र०)।
नीतिसार समुच्चय-ले० इन्द्रनन्दि, संपा० प० गौरीलाल, प्र० सेठ बालचन्द देहसी, भा० स०, पृ० ७६ ।
नूतन चरित्र-ले० बा० रतनचन्द जैन, प्र० हिन्दी प्रथरत्नाकर कार्यालय बम्बई, भा० हि ।
नूतन बोधमाला-ले. संपा० ५० केन्द्रकुमार जैन, प्र० बापूधास नारायस साधारण गाँव, भाषा हिन्दी, पृ० ५०, ५० १६३२ ।
नेमनाथ का बारह मासा-ले० कवि विनोदी लाल, प्र. बा. सूरजमान वकील, भाषा हिन्दी, वर्ष १८९८ ।
नेमनाथ पदरौत गिरनार-प्र० जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भाषा हिन्दी।
नेम चरित्र-ले० विक्रम कविः अनु० उदयलाल काशलीवाल, प्र० जैन प्रथरत्नाकर कार्यालय बम्बई; भा० स० हि०, पृ० ५६, २० १६१४, प्रा० प्रथम ।
नेमि दूत काव्य-ले० विक्रम कवि; भा० स०। नेमिनाथ स्तोत्र-भा० सं०, (सिद्धान्त सारादि सग्रह में प्र०)।
नेमि निर्वाण (काव्य)-ले० महाकवि वाग्भट्ट, सपा० ५० विषदत्त व काशीनाथ पांडरग, प्र. निर्णय सागर प्रेस बम्बई, भा० स०, पृ. ८५, प. १८६६ ।
नेमि पुराण-ले. ० नेमिदत्त; अनु० उदयलाल कायसीवान; प्र• जैन