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________________ ( १६५ ) न्याय प्रदीप - से० पं० दरबारी लाल स०भ०, प्र० साहित्यरत्न कार्यालय बम्बई भा० हि०, पृ० १३६ व० १९२६; प्रा० प्रथम । न्याय बोधक -- ले० प० अजितकुमार शास्त्री, प्र० भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशन संस्था कलकत्ता, भा० हि०; पृ० १६; ग्रा० प्रथम । न्याय विनिश्चय - ले० प्रकलक देव, भा० सं०; ( अकलङ्क ग्रन्थत्रयम्मैं प्र० ) । नरपशु शास्त्रार्थ - ले० पं० सिद्धसेन सा० २०, प्र० सेठ कोटडिया सोमबन्द उम्रचन्द लाकरोडा ( गुजरात ), भा० हि० पृ० २६, व० १६३०, प्रा० प्रथम । नरमेध यज्ञ मीमाँसा (समालोचना) - ले० पं० हंसराज शर्मा जैन, भा० हि० पृ० २०, व० १६१२ । नरेश धर्म दर्पण - ले० प्राचार्य कुथसागर, प्र० कुथसागर ग्रन्थमाला बोलापुर, भा०हि०, पृ० २८, १० १९४० प्रा० द्वितीय । नवगृह विधान - ले० मनसुख सागर, प्र० जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भा० हि०, पृ० ३८, १० १९३५, ० प्रथम । नव रत्न -- ले० बा० कामता प्रशाद, प्र० मूलचन्द किशनदास कापडिया सूरत, भा०हि०, पृ० ६४, व० १६३०, प्रा० प्रथम । नवीन जिनवासी संग्रह - संपा० प० मंगलसैन, प्र० श्री वीरपुस्तकालय सुबफ्फरनगर, भा० हि० सं० पृ० ५१६, व० १६४२, आ० द्वितीय । नवोन तीर्थ यात्रा लें. सूरजभान जैन, प्र० जिनवारणी प्रचारक कार्याव कलकत्ता, भा० हि०, पृ० ११२, वर्ष १९३६, ० प्रथम । नागकुमार चरित्र - ले० महाकवि पुष्पदन्त, सपा० प्रो० हीरालाल जैन, म० बलात्कारगण जैन पब्लिकेशन सोसाइटी कारंजा, भा० अप०, पृ० २०६, ० १९३३, मा० प्रथम । नाग कुमार चरित्र - ले० मल्लिषेम सूरि, अनु० उदयलाल काशलीवाल, To जैन साहित्य प्रसारक कार्यालय बम्बई; भा० स० हि० पृ० १६१, ५० १९१३, ० प्रथम ।
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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