________________
( १६० )
ब० १६१७, प्रा० प्रथम ।
देहला की जैन संस्थाएँ - ले० ला० पन्नालाल जैन अग्रवाल, भा० हि०, १० १९४६ ।
दो हजार वर्ष पुरानी कहानियां -ले० डा० जगदीशचंद्र, प्र० भारतीय ज्ञानपीठ बनारस, भा० हि०, व० १९४७ ।
द्रोण नैना और मुक्तागिरि सिद्ध क्षेत्र यात्रा विवरण - ले० द्वारका प्रसाद, प्र० महावीर दिग० जैन मन्दिर हाथरस, भा० हि०, पृ० ४०, ६० १६ ७, आ० प्रथम ।
दोलत जनपदसंग्रह - ले० कवि दौलतराम जी ; प्र० जिनवाणी प्रचारक कार्यालयक लकत्ता, भा० हि०, पृ० ८० ।
दौलन विलास (दौलत कवितावली ) ले० कवि दौलतराम जी, सपा० पं० पन्नालाल बाकलीवाल, प्र० जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, भा० हि०; पृ० ८०, ०६०४, आ० प्रथम |
धनञ्जय नाम माला - ले० कविवर धनञ्जय, सपा० मोहनलाल जैन का० ती० प्र० हरप्रसाद जैन वंद्य लुहरी (झाँसी) भा० स० पृ० १६ व० १९४०, प्रा० द्वितीय ।
धन्य कुमार चरित्र (पद्य) - ले० १० खुशालचन्द, प्र० जिनवाणी प्रचाएक कार्यालय कलकत्ता भा० हि०, पृ० १०२, व० १९३८, प्रा० प्रथम । धन्य कुमार चरित्र - ले० प खुगालचन्द, प्र० श्री वीर जैन साहित्य कार्यालय हिपार, भाषा हिन्दी, पृष्ठ ६३, व १६१६, प्रा० प्रथम ।
धन्य कुमार चरित्र - ले० प्रज्ञात, अनु० १० उदयलाल काशलीवाल; प्र० जैनभारती भवन काशी, भाषा हिन्दी पृष्ठ १०३, वर्ष १६११ ;
आ० प्रथम ।
धम्मरसायणम् - लेखक पद्मनन्दि भाषा अप० स०, पृष्ठ ३४, ( सिद्धान्त सारादि संग्रह मे प्र० ) |
धर्म और शील - लेखक मुन्शीलाल एम. ए. प्रकाशक स्वय नाहीय भाषा हिन्दी; पृष्ठ ११२ वर्ष १९१२, भा० प्रथम ।
4