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________________ ( १४० ) जैन सिद्धान्त प्रवेशिका - लै० पं० गोपालदास बरैया, प्र० जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, मा० हि०, पृ० २०६, ६० १६१६ श्री० पचम | S जैन सिद्धान्त प्रवेशिका -- ले० पं० गोपालदास बरैया, संपा० मनोहर बाल शास्त्री, प्र० गावी रामचन्द्र नाथारग बम्बई, भा० हि०, पृ० २०४ ५० १६१६, आ० तृतीय | = जैन सिद्धान्त प्रवेशिका - ले० पं० गोपालदास बरैया, प्र० गाँधी रामचन्द्र नाथारग बम्बई, भा० ति०, पृ० १६६, व० १९०६, प्रा० प्रथम । जेन सिद्धान्त संग्रह - ० मूलचन्द, प्र० सद्वोध रत्नाकर कार्यालय. सागर, भा० स० हि० ; पृ० ४६० च० १६२५, ० तृतीय | जैन सुधा बिंदु - ले० पं० जीयालाल चौधरी, प्र० चित्त विनोद पुस्तकालय फर्रुखनगर, मा० हि०; १० ३०, ब० १८९४, आ. प्रथम । जैनागार प्रक्रिया - संग्र० बा० दुलीचन्द्र, प्र० स्वय, मा० हि०, पृ० ४३५० प्रा० ● प्रथम । T जैनाचार्यो का शासन भेद- -ले० पं० जुगल किशोर मुख्तार, प्र० जैन अन्य रत्नाकर कार्यालय बम्बई, भा० हिन्दी, पृष्ठ ८०, व० १६२८ आठ प्रथम । जैनाव - संग्र० चन्द्रसैन जैन वैद्य, प्र० स्वयं इटावा, भा० हि०, पृ० ४७३ ० १६२४, प्रा. पंचम । जैनास्तिकत्व मीमांसा - ले० प० हसराज शर्मा, भाषा हिन्दी, पृष्ठ ४८ वर्ष १६१२ । जैनियों का अत्याचार - ले० प० लुगलकिशोर मुख्तार, प्र० कुलवन्तराय ओवरसियर हरदा, भा० हि०, पृ० १६, ० प्रथम । जैनियों का तत्र ज्ञान और चारित्र - प्र० जैन तत्त्व प्रकाशनी सभ इटावा, भाषा हिन्दी, पृष्ठ १२ श्र० प्रथम ।
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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