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छहढाला (बावनाक्षरी)-ले० द्यानत राय जी, टी० मुंशी नाथूराम लमे, प्र० स्वयं टी० कटनी, भाषा हिन्दी पृष्ठ १४ व० १८६८; मा० प्रथम ।
छहढाला-ले० कविवर बुवजन जी; टी० मुन्शी नाथूराम लमेचू, प्र० स्वयं टी० कटनी मुडावरा, भाषा हिन्दी, पृष्ट १६; २० १८६८; प्रा० प्रथम ।
छात्रों के लिए उपदेश-ले० मुन्शीलाल एम. ए., प्र० स्वय भा० हि ।
छेदपिंड-ले० इन्द्रनन्दि, संपा० पन्नालाल सोनी, भा० स० (प्रायश्चित संग्रह में प्र०)।
छेदशास्त्र - ले० इन्द्रनन्दि, सपा० पन्नालाल सोनी; भा० स०, (प्रायश्चित संग्रह मे प्र०)। ____ जगत्सुन्दरी प्रयोगमालाले० मुनि यशपति; भा० प्र०, पृ० १३५; व०१६३६ ।
जकड़ी सग्रह--(१५ जकडिया) प्र० जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई; भा० हि० । - जगदीश विलास-ले० कवि जगदीश राय, प्र० हीरालाल पन्नालाल देहली, भाषा हिन्दी पृष्ठ ५२, ५० १९२५, प्रा० द्वितीय ।
जगत्कतृत्व मीमांसा-ले० बालचन्द्र यति, भा० स० हिन्दी पृष्ठ १०१; व०१९०८।
जगदुत्पत्ति विचार-ले० बा० सूरजभान वकील, प्र. जैन तत्त्व प्रकाशनी सभा इटावा, भाषा हिन्दी, पृष्ठ ५०, व० १६१३ प्रा० प्रथम ।
जननी और शिशुले० बा० सूरजभान वकील; प्र० हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, भाषा हिन्दी, पृष्ठ ११७, व० १९२३ प्रा० प्रयम ।
जम्बू गुण रत्नमाला-ले० जेठमल; भा० हि० पृष्ठ ८४, व० १६१६ । जम्बू द्वीप का नक्शा--प्र० बा० सूरजभान वकील देवबद; व० १८६८ ।
जम्बू द्वीप प्रज्ञप्ति (२ भाग)-सटीक-भा० प्रा० स० पृ० ५४५, व० १६१६ ।