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________________ ( ११० ) ऋषि मंडल मंत्र कल्प-ले० विद्याभूषण सूरि; टी० पं० मनोहर लाल; प्र० नेमचंद देवचन्द शाह शोलापुर भा० सं० हि० पृ० ६४, 'ब० १९२६; प्रा० तृतीय । 74 ऋषि मन्डल यन्त्र पूजा - ले० गुणनन्दि मुनींद्र; टी० पं० मनोहरलाल _ " 秘 'प्र० जैन ग्रंथ उद्धारक कार्यालय बम्बई, भा० स० हि० पृ० ४२ ० १९१५, f श्रा० प्रथम । एक रात - ले० जैनेन्द्र कुमार; भा० हि०, पृ० २०६, १० १६३५ । एकीभाव स्तोत्र - ले० आचार्य वादिराज, स० टी० भट्टारक चंद्रकीति, अनु० सपा०प० परमानद शास्त्री, प्र० स्वयं सपा० भा० स० हि० पृ० ५२; व० १९४० प्रा० प्रथम | • 4 एकीभाव स्तोत्र - ले० आचार्य वादिराज ( काव्य माला सप्तम गुच्छक में प्र०) । एकीभाव स्तोत्र - ले० प्राचार्य वादिराज, (पंच स्तोत्र में प्र० ) । ऐतिहासिक जैन काव्य समह - सपा० अगरचन्द भवरलाल नाहटा, भा० हि०, पृ० ६१३; १० १६३७ ॥ ऐतिहासिक स्त्रियाँ - ले० सपा० प्रेमलता देवी; प्र० दिग० जैन पुस्तकालय सूरत, भा० हि०, पृ० ८७ १० १६३६, आ० प्रथम । ऐतिहासिक स्त्रियाँ -ले० कुमार देवेन्द्र प्रसाद जैन मारा, भा० हि० । एलक पन्नालाल दिग० जैन सरस्वती भवन -- वार्षिक रिपोर्ट, ग्रन्थसूची, प्रशस्ति सग्रह ( प्रथम वर्ष )) - प्र० ठाकुरसीदास जैन मंत्री बम्बई, भा० हि०; पृष्ठ १३६, १० १६२३ । वही ( द्वितीय वर्ष ) (तृतीय वर्ष ) (चतुर्थ वर्ष ) ( पचम वर्ष ) ( षड वार्षिक ) वही वही वही बही वही वही वही वही वही पृ० ६८, व० १६२४ । पृ० ११५, व० पृ० १२०, व० पृ० १७७, व० पृ० ४०३, व M १६२५ । १६२५ । १६३१ । १६३२ ।
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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