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________________ (१०२ : भट्ट, प्र० सेठ हजारीलाल हरसुख राय सुसारी इन्दौर, भा० सं०. हिण, . २५, व० १६३६, मा० प्रथम । आदिनाथ स्तोत्र व महावीराष्टक-ले०मानतु गाचार्य अनु० पं० भागचाई प्र० हीरालाल' पन्नालाल जैन दिल्ली, भा० स०, पृ० १६, प १९३९ । आदिनाथ स्तोत्र (विषापहार सहित )ले० मानतु गाचार्य, अनुक टी० ५० नाथूराम प्रेमी०, प्र० जैन अथ रलाकर कार्यालय बम्बई, भा० स० हि०, पृ० ६०, व १९२३, मा० षष्टम् । आदिपुराण-ले० जिनसेनाचार्य, टी० १० दौलतराम जी, प्र. भारतीय जैन सिद्धांत प्रकाशनी संस्था कलकत्ता, भा० हि०, पृ० १६२, व. १९२०, प्रा० प्रथम । आदिपराण-ले० जिनसेनाचार्य टी० अनु० ५० लालाराम शास्त्री, प्र. जैन अथ प्रकाशन कार्यालय इन्दौर, भा० स० हि०, पृ० १७६८, व० १९१५, मा० प्रथम । आदिपुराण-ले० जिनसेनाचार्य, अनु० घुद्धिलाल श्रावक, प्र० दुलीचंद परवार देवरीसागर, भा० हि०, पृ० ४६० । आदिपुराण-ले० जिनसेनाचार्य, प्र० जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता,भा० स०, पृ० २५८, प्रा. प्रथम । ___ आदिपुराण-(सचित्र)-ले० जिनसेनाचार्य, अनु० बुद्धिलाल श्रावक, प्र• जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भा० हि०, पृ० २०२, व० १९३५, श्रा० द्वितीय । 1. श्रादिपुराण (स क्षिप्त हिन्दी गद्यात्मक)ले० मा० बिहारीलाल; प्र.. शान्ति चन्द्र जैन, भा० हि०, पृ० १८८, व० १६२६, प्रा० प्रथम। . आदिपुराण समीक्षा (प्रथम भाग)-ले० बा० सूरजभान वकील; प्र० चन्द्र सेन जैन वैद्य इटावा; भा० हि०, पृ० ५४; १० १६१८; मा० प्रथम । . आदिपुराण समीक्षा (द्वितीय भाग)-ले० बा० सूरजभान वकील, प्र० चन्द्रसेन जैन वद्य इटावा भा० हि० पृ० ७०० ६१८, आ० प्रथम ।
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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