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अबलाओं के मासू-ले० अयोध्या प्रसाद जैन गोयलीय, प्र० जोहरीमल जैन सर्राफ देहली, भा० हि०, पृ० ७६, २०१६२६, मा० प्रथम ।
अभिषेक पाठ संग्रह-सपा० पन्नालाल सोनी, भा० स०, पृ० ३६१, व०१६३५ ।
अभिषेक पाठ समीक्षा-ले० ५० राजकुमार शास्त्री, प्र० सेठानी गुलाब बाई प्यार कुवर बाई जी इन्दौर, भा० हि०, पृ० १६, २० १९४१ ।
अमिषेक पूजा पाठ संग्रह-प्र० माणिकचन्द सरावगी कलकत्ता, भा० हि०, पृ० १४८, व०१९४२ ।
अनेकार्थ रत्न मंजूषा-सपा० प्रो० हीरालाल, भा० स० पृ० १५६, व० १९३२ ।
अभिषेक पाठ-ले० पूज्यपादाचार्य, अनु० ५० जिनदास, भा० स० हि०, पृ० ४८।
अमर जीवन और सुख का सदेश-ले० चम्पतराय जैन बैरिस्टर; अनु० बा० कामता प्रसाद जैन, भा० हि० पृष्ठ १५ ।
अमितगति श्रावकाचार-ले० प्राचार्य अमितगति, अनु० टी० पं० भागचन्द्रजी; प्र० मुनि श्री अनन्तकीति, दि० जैन ग्रन्थशाला बम्बई; भा० सं० हि०, पृ० ४४०; २० १९४२ मा० प्रथम ।
अमृताशीति-ले० योगीन्द्रदेव; भा० सं०, पृ०, (सिद्धान्त सारादि सग्रह मे पृ०।
अर्थ का अनर्थ-(वृहद विमल पुराण की समालोचना)-प्र० जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता; भा० हि०; पृ० ८७; १० १९२४; प्रा० प्रथम ।
अर्थ प्रकाशिका-ले० ५० सदासुखदास जी; प्र० कलप्पा भरमप्पा निटवे कोल्हापुर; भा० हि० पृ० ७४३; व० १६०२; प्रा० प्रथम ।
अर्थ प्रकाशिका (तत्त्वार्थसूत्र टीका)-मूल ले० प्राचार्य उमास्वामि; अनु० टी०-५० सदासुखदास जी; प्र०-भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशनी संस्था कलकत्ता; भा०हि०, पृ० ५४३; व० १६१६; मा० प्रथम ।