SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 115
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १३ ) १ प्र० ला० होशियार सिंह सोनीपत, भा० हि०, पृ० २२, ० १९१५ ई. भा० हि०, श्रा० प्रथम 1 अद्भुत रामचरित ( चौथा तुरंग-वैराग्य कांड) ले ० निरंजनदास, По ला० होशियारसिंह सोनीपत, भा० हि०, पृ० १८, व० १६१६, भा० हि० । -भा० अध्यात्म संग्रह -- ( २८ रचनाओ का संग्रह ) - भ हि० स०, पृ० ३८८ अध्यात्म तरंगिणी - ले० सोमदेव, भा० स०, पृ० १० । अध्यात्म पंचासिका-ले० प्रज्ञात, भा० हि० । अध्यात्म कमल मार्तण्ड - ले० कवि राजमल्ल, संपा० प्रो० जगदीश चन्द्र, प्र० माणिकचन्द दि० जैन ग्रन्थमाला बम्बई, भा० स० । अध्यात्म कमल मार्तण्ड - ले० कवि राजमल्ल, अनु० सपा० दरबारी लाल कोठिया और प० परमानन्द शास्त्री; प्र० वीर सेवा मन्दिर सरसावा; भा० स० हि०, पृ० ११०, व० १६४४, प्रा० प्रथम 1 अध्यात्म विचार - ब्र० मोतीलाल, भा० हि०, पृ० ३४, व० १६३० । अध्यात्म ज्ञान - सपा० ब्र० शीतल प्रसाद जी, प्र० मूलचन्द किशनदास कापडिया सूरत, भा० हि०, पृ० १६, व० १९३१ ई० प्रा० प्रथम । श्रध्यात्माष्टवाम् - ले० वादिराज सूरि, भा० स० । अध्यात्मिक निवेदन - सपा० सम्मेलन सूरत, भा० हि०, पृ१६, व० अनगार धर्मामृत - ले० प० मनोहरलाल, प्र० माणिकचन्द दि० ६६२ व० १६१६ ई० प्रा० प्रथम | ब्र० शीतल प्रसाद जी, प्र० श्रात्मधर्मं १६२५ ई० प्रा० प्रथम । श्राशाधर जी, सपा० प० वशीधर व प० जैन ग्रंथमाला बम्बई, भा० स०, पृ० अनगार धर्मामृत - (टीका ) ले० प० आशाधर जी, अनु० टी०प० खूबचन्द शास्त्री, प्र० सेठ खुशालचन्द मानाचन्द गाँधी शोलापुर, भा० सं० हि०, पृ० ९३६, व० १९२७ ई० प्रा० प्रथम । 1
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy