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जैन - शिलालेख संग्रह
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जालोर ( राजस्थान )
सं० १२१७ = सन् ११६१, संस्कृत - नागरी
श्रावण व ० १ गुरुवार स० १२१७ के इस लेख में उद्धरण के पुत्र जिसा (लि ) ब द्वारा पार्श्वनाथ मन्दिर मे दो स्तम्भो की स्थापना का वर्णन है ।
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रि० ३० ए० १६५७-५८ शि० क्र० बी ४८६
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उज्जिलि ( महबूबनगर, आन्ध्र )
शक १०८९ = सन् ११६७, काय
पुष्य शु० १३ शक १०८९ पराभव संवत्सर उत्तरायण संक्रान्ति के दिन राजधानी उज्जिवोळल के बद्दिजिनालय को कुछ करो की आय व भूमि दान दी गयी ऐसा इस लेख में वर्णन है । यह दान महाप्रधान सेनाधिपति श्रीकरण भानुदेवरस - जो कल्ल केळगुनाडु का दण्डनायक था— ने सौधरे केशवय्य नायक की सहमति से आचार्य इन्द्रसेन पण्डित देव को दिया था ।
( मूल कन्नड में मुद्रित )
अन्ध्र प्रदेश भाकिं० सीरीज ३, पृ० ४० - ४३
१०४
उज्जिलि ( महबूबनगर, आन्ध्र )
लगभग सन् ११६७, कन्नड
मार्गशिर शु० ५ गुरुवार शक ८८८ प्रभव संवत्सर का यह लेख है । इस मे श्रीवल्लभचोळ महाराज द्वारा राजधानी उज्जवोळल के बद्दिजिना - लय के लिए भूमि व उद्यान के दान का वर्णन है । द्राविळ सघ-सेनगण