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खण्डगिरिक लेख
खण्डगिरि-( मंचपुरी गुहा-नीचेका भाग)
प्राकृत-ब्राह्मी, सन्पूर्व पहली सदी कुमारो वदुखस लेणं [ यह गुहा कुमार बडुखने बनवायी । ]
[ए० ई० १३ पृ० १६१ ]
खण्डगिरि ( सर्पगुहा)
प्राकृत-ब्राह्मी, सन्पूर्व पहली सदी चूलकमस कोठाजेया च [ चूलकम्म (क्षुद्रकर्म अथवा चूडाकर्म ) का कक्ष । ]
[ए० इं० १३ पृ० १६२ ]
खण्डगिरि ( सर्पगुहा )
प्राकृत-ब्राह्मी, सन्पूर्व पहली सदी १ कंमस हलखि२ णय च पसादो [ कर्म तथा हलखिण ( सल्लक्षण ) का बनवाया प्रासाद । ]
[ए० इं० १३ पृ० १६२ ]
खण्डगिरि ( हरिदास गुहा)
प्राकृत-ब्राह्मी, सन्पूर्व पहली सदी [ यह लेख सर्पगुहाके पहले लेखके समान ही है । ]
[ए० इं० १३ पृ० १६२]