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मूल लेख तथा सारांश
बारली ( जि० अजमेर ) ( राजस्थान म्युजियम ) वारलीसे एक मील दूर मिलोत माताके मन्दिरमें।
प्राकृत, ब्राह्मी-सन्पूर्व ४थी सदी १ वीराय मगव (ते) २ चतुरामिति व ( से ) ३ ये सा ( लि ) मालिनि ४ रं नि ( वि ) माझिमिके
[ इस लेखमें भगवान् वीरका निर्देश है जिससे प्रतीत होता है कि यह किसी जैन मन्दिरका लेख होगा। इसकी लिपि सम्राट अशोकके लेखोंकी लिपिसे प्राचीन है। इससे अनुमान होता है कि इसमें जो ८४वें वर्षका निर्देश है वह महावीरके निर्वाणके बादका ८४वाँ वर्ष होगा। इसकी अन्तिम पंक्तिमे माध्यमिका नगरीका उल्लेख है। लेख टूटा है अतः इसका उद्देश्य ज्ञात नहीं होता। ]
- [इ० ए० ५८ ( १९२९ ) पृ० २२९]
मालकोण्ड ( नेलोर, आन्ध्र )
प्राकृत-ब्राह्मी, सन्पूर्व ३री सदी [ यह लेख स्थानीय पहाड़ीकी एक गुहाके अग्रभागमें है। यह गुहा अरुवाहि कुलके नन्दसेठिके पुत्र विरिसेठिने अर्पित की ऐसा लेखमें कहा है।