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मैवर भादिके लेख उल्लेख किया है। मरिनागेय दनिकार पयका पुत्र था। लिपि १९वीं सदीकी है। [ मूल लेख कन्नड लिपिमें मुद्रित ]
[ए० रि० म० १९३६ पृ० १०० ]
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मैसूर
१९वीं सदी, कमल
उपर्युक बसतिमें घण्टापर [ इस लेखमें शिरसैयके छोटे भाई पुट्टेय-द्वारा इस घण्टेके दानका उल्लेख है । लिपि १९वीं सदीकी है। ( मूल लेख कन्नड लिपिमें मुद्रित )
[उपयुक्त पृ० १०० ]
मत्तावार ( मैसूर)
१९वीं सदी, कार मत्तवर बस्ति पार्श्वनाथस्वामिचैत्यालयक ऐवर अंबणनुव
[ यह लेख एक घण्टेपर खुदा है। ऐवर अंबण-द्वारा यह घण्टा मत्तवूरके पार्श्वनाथस्वामी चैत्यालयमे अर्पण किया गया था। लिपि १९वीं सदोकी है।
[ए. रि० मै० १९३२ पृ० १७५ ]