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जैनशिलालेख संग्रह
[ ४४७
पंचमि आदिवारदल अदियर् बलिय गण्डलिकेय उटेकोंड रामनायकनु बिदिरुरल्लि तनगे स्वर्गापवर्गसुखक्के का
२ (२) वागि चैत्यालय व कट्टिसि आदीश्वरन प्रतिष्ठेयन माडिसिदनु श्री [ इस लेख मे रामनायक द्वारा बिदिरूर ग्राममें चैत्यालय बनवानेका तथा आदिनाथकी इस मूर्तिकी स्थापना करवानेका वर्णन है । यह कार्य ज्येष्ठ शु० ५, शक १४१० के दिन सम्पन्न हुआ था । ]
[ ए०रि० मं० १९४३ पू० ११३ ]
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जबलपुर ( मध्यप्रदेश )
संवत् १५४३ = सन् १४६३, संस्कृत-नागरी
[ यह लेख पार्श्वनाथकी भग्न मूर्तिके पादपीठपर है । तिथि वैशाख शु० ३, संवत् १५४९ ऐसो दी हैं । ]
[रि० इ० ए० १९५१-५२ क्र० १२३ पृ० २१ ]
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शिवडूंगर ( राजस्थान )
सं०
० १५५६ = सन् १५००, संस्कृत नागरी
[ यह लेख मूलसंघ-बलात्कारगण - सरस्वतीगच्छके आचार्य रत्नकीर्तिके समय सं० १५५६ में लिखा गया था। इनकी गुरुपरम्परा पद्मनन्दि-शुभचन्द्रजिनचन्द्र रत्नकीर्ति इस प्रकार बतलायी है । ]
[रि० आ० स० १९०९-१० पृ० १३२ ]