________________
जैन शिलालेख संग्रह
8 बैचणसेट्टि परिणतान्तस्करणमन्तप हैवेरायन प्रतापवेन्
१० सेन्दोडे स्वस्ति श्रीमन्महामण्डलेश्वर .....नियमोसरगण्ड
प्रताप...
११ सूरेकार सिवसिंहासनचक्रवर्ति निलिंपपुरवरा१२ वीश्वरनेनिप बैचिराजं राज्यं गयिवलि शकवरुष
२९८
१३ १३२३ नेय विक्रमसंवत्सर माग शु १ मन्दवारद १४ रात्रियालु हैवेराजन अलिय मंगराजनु स्वर्गस्थनाद श्रीजि१५ नराजराजितपदाम्बुजभृंग कीर्तियिन्दी जगदोलो
१६ ... वलमोपुव दानियु हैवेभूपन राजिय पट्टदानेयं १७ .....गोविजनरह विक्रमसं नगिर मंगनृपं सुरलोक१८ केयदिदं विसुन्दरस्य मत्त राजं जिनमतांबुधिहिमकि१६ रणं नगिरपुराधीश मंगरसंगं राजसत
२० ''''रतिपंचबाणनस' श्रीमंगभूपालकं हिमरुक "श्री"विक्रमसंवत्सरद माघमासद...
२१
२२ लु सुरांगनारमण ...
२३ जीये म्बिनं...
२४ ....ससिमिते श्रीविक्रमा....
[ ४२०
२५ काल्यस्थे देवप्प' सूभे पक्षे वल२६ क्षे मन्दवार.."
२७ सुरपदमं..
[ यह लेख गरसोप्पेके राजा हैवेयरायके जामात नगिरपुरके प्रमुख मंगरसको मृत्युकी स्मृतिमें लिखा गया था । इसकी तिथि माघ शु० १, शनिवार, शक १३२३ विक्रम संवत्सर यह थी । लेखका बहुत-सा भाग घिस गया है । इसके पूर्वभागमे होन्न राजा तथा बैचणसेट्टिका उल्लेख है । उनका मंगरससे क्या सम्बन्ध था यह स्पष्ट नहीं है । ]
[ ए०रि० मै० १९२८ पृ० १०० ]