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जैनशिलालेख-संग्रह
४१० मत्तावार ( मैसूर)
१वीं सदी, काड , महलजिन जकबेहहि घटवे२ गन्ति मत्तवूर बसदि तपसु ३ माडि सिद्धि आदल अबेय मा४ चरन मग मार कल्ल निलिसि
[यह निषिधिलेख मरुलजिन-जकवेहट्टि नामक प्रामकी निवासी चटवेगन्तिके समाधिमरणका स्मारक है । उसका मृत्यु मत्तवूरको बसदिमे हुआ था । अबेय माचरके पुत्र मारने यह स्मारक स्थापित किया था। लेखको लिपि १४वीं सदीको प्रतीत होती है। ]
[ ए० रि० मै० ९९३२ पृ० १७१ ]
४११ हुलेकल ( उत्तर कनडा, मंसूर )
१५वीं सदी, कार [ यह लेख १४वीं सदीकी लिपिमें है और बहुत घिसा है। इसके प्रारम्भमें जिनशासनको प्रशंसा है तथा बादमे किसी मठमें आहारदान आदिके लिए कुछ दान दिये जानेका उल्लेख है । ]
[रि० सा० ए० १९३९-४० ई० क्र० २१ पृ० २२९ ]