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________________ -१३५ ] नेगलूर मादिके कैवा ३३७ नेगलूर ( धारवाड, मैसूर ) राज्यवर्ष (६) = सन् १२६२, कवाड [ यह लेख यादव राजा कन्धरदेवके राज्यवर्ष (६) विरोधी संवत्सर में भाद्रपद शु० १४, गुरुवारको लिखा गया था। इसमें कुलचन्द्रभट्टारकके शिष्य सकलचन्द्र भट्टारक के समाधिमरणका उल्लेख है । ] [रि० सा० ए० १९३२-३३ क्र० ई० १६२ १० १०७] ३३८ बालूर ( धारवाड, मैसूर ) शक ११८४ = सन् १२६२, कन्नड १७ ३५७ [ इस निसिधि लेखमें कहा गया है कि सेंबुरके कावय्यकी माता deart यह निसिध स्थापित की। लेखकी तिथि पौष शु० ११, सोमवार, शक ११८४, दुर्मति संवत्सर ऐसी दी है । ] [ रि० ६० ए० १९४५-४६ क्र० २१८ ] ३३६ बालूर ( धारवाड, मैसूर ) १३वीं सदी, क [ इस लेखमें यादव राजा कन्धरदेवके राज्यकालमें नल संवत्सरके पौष मासमे गुरुवारके दिन इस निसिधिके स्थापित किये जानेका उल्लेख है । लेख बहुत घिस गया है । ] [ रि० ६० ए० १९४५-४६ क्र० २१७ ]
SR No.010113
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages568
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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