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जैन शिलालेख संग्रह
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इलेबोड (मैसूर)
कन्नड, १२वीं सदी
१ स्वस्ति श्रीमय कीर्तिसिद्धांत चंद्रयतिदेवर्गे कवडेयर जकन्वेयरु माडिसि कोट्ट पट्टशालेय शान्तिनाथदेवर अष्टविधार्च (ने) गं
खंडस्फुटितजीर्णोद्धारकं
२३२
[ ३०९
२ शिष्यरु
सुरभिकुमुदचंद्रापरनामधेयरप्प
नेमिचंद्रपंडित देवरु
जीवंगल हिरियकेरेय बोलवगह दोलगरेय हुणसेय '''' ३ ल्लगे मूरु गंगवुरद उत्तमवागि ? मूनूरु बेदलेयं सर्वबाधपरिहारवागि चंद्रार्कतारं बरं सल्वंतागि कोहरु ई धर्मवं अवर शिष्य संतानगलु नडेसुवरु
[ यह लेख १२वीं सदीकी लिपिमें है । कवडेयर जकव्वे द्वारा निर्मित पट्टशाला के शान्तिनाथदेवकी पूजा आदिके लिए कुछ भूमि बोलवगट्ट तालाबके समीप और गंगवुर ग्रामके समीप दान दी गयी ऐसा इसमे निर्देश है। यह दान सुरभिकुमुदचन्द्र अपरनाम नेमिचन्द्र पण्डितदेवने दिया था । जकव्वेके गुरु नयकीर्ति सिद्धान्तचन्द्र थे । ]
[ ए०रि० मै० १९३७ पृ० १८५ ]
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अथनी (बेलगांव, मंसूर ) कन्नड, १२वीं सदी
[ इस लेखमे बम्मण द्वारा देसिगण- इंगलेश्वरबलिके सामन्तण बसदिसे सम्बद्ध रत्नत्रयमन्दिरके जीर्णोद्धारका उल्लेख है । लिपि १२वीं सदीकी है । ]
[ रि० इ० ए० १९५३-५४ क्र० १७३ पृ० ३४ ]