________________
$98
जैनशिलालेख संग्रह
१६२
कोनकोण्डल ( अनन्तपुर, आन्ध्र ) चालुक्यविक्रमवर्ष ६ = सन् १०८०, कन्नड
[ यह लेख चालुक्य राजा त्रिभुवनमल्लके राज्यवर्ष ६, पुष्य व० ( ६ ) गुरुवार, दुर्मतिसंवत्सरका है । इस समय महामण्डलेश्वर जोयिमय्यरसको पत्नी नाविकव्वेने कोण्डकुन्देयतीर्थमे चट्टजिनालयका निर्माण किया तथा उसे कुछ भूमि दान दी थी। ]
[रि० स० ए० १९१५-१६ क्र० ५६५ पृ० ५५ ]
-
[ १६२
१६३ अलनावर ( धारवाड, मैसूर )
शक १००३ = सन् १०८१, कन्नड
[ यह लेख शक १००३ का है । कदम्ब राजा गोवलदेवके समय अलनावरके जैन वसदिके लिए नरसिंगय्य सेट्टि द्वारा कुछ दान दिये जाने का इसमे उल्लेख है । ]
[रि० स० ए० १९२५-२६ क्र० ४७० पृ० ७८ ]
१६४ वनवासि (मैसूर)
सन् १०८१, कन्नड़
[ यह लेख कादम्बचक्रवति चीरमके राज्यवर्ष १२, दुर्मति संवत्सर में कार्तिक कृ० ५, सोमवार के दिन लिखा गया था । इसमे तिप्पिसेट्टि सातय्य की पत्नी भोगवे समाधिमरणका उल्लेख है। इनके गुरु देसिगण - पुस्तककुण्डकुन्दान्वयके सकलचंद्रभट्टारक थे । ]
गच्छ
[रि० स० ए० १९३५-३६ क्र० ई० १४३ पृ० १७२ ]